सार
नीट पेपर लीक के पीछे 'सॉल्वर गैंग', मास्टरमाइंड रवि अत्री को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कथित तौर पर सॉल्वर गैंग नेटवर्क से ही उसने सोशल मीडिया पर नीट के सॉल्व क्वेश्चन पेपर अपलोड किये थे।
NEET-UG 2024 परीक्षा पेपर लीक मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। परीक्षा की जांच की मांग कर रहे छात्रों के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच पेपर लीक के कथित मास्टरमाइंड रवि अत्री को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने गिरफ्तार कर लिया है। रवि अत्री ग्रेटर नोएडा के नीमका गांव का रहने वाला है।
कब शुरू हुआ नीट विवाद
नीट विवाद तब शुरू हुआ जब परीक्षा में एक साथ 67 छात्रों ने 720 का परफेक्ट स्कोर हासिल किया और टॉपर बने। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इसके लिए कुछ केंद्रों पर पेपर वितरण में देरी के कारण ग्रेस अंक दिए जाने को जिम्मेदार ठहराया। बाद में बिहार पुलिस की जांच से पता चला कि परीक्षा का पेपर एग्जाम से एक दिन पहले 4 मई को कुछ उम्मीदवारों को लीक कर दिया गया था।एनईईटी-यूजी परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और परिणाम 4 जून को जारी किए गए थे। नतीजों को मैनेज करने के एनटीए के प्रयासों के बावजूद, व्यापक लीक के आरोप जारी रहे, जिससे विरोध प्रदर्शन हुआ और मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चला गया। जिसके बाद ग्रेस मार्क्स रद्द किया गया और ग्रेस मार्क्स वाले 1563 कैंडिडेट के लिए दोबारा परीक्षा का आयोजन 23 जून को किया जा रहा है। मामले की जांच जारी है जिसमें लगातार नये खुलासे हो रहे हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी और तलाशी जारी है।
रवि अत्री ने 'सॉल्वर गैंग' नामक नेटवर्क से सोशल मीडिया पर अपलोड किये नीट के सॉल्व क्वेश्चन पेपर
नीट पेपर लीक मामले में ही रवि अत्री भी है, जिसका नाम विभिन्न राज्यों में पिछली परीक्षाओं के पेपर लीक में कथित संलिप्तता में आया है। उसकी कार्यप्रणाली में कथित तौर पर 'सॉल्वर गैंग' नामक नेटवर्क के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हल किए गए प्रश्नपत्र अपलोड करना शामिल था। अत्री का नाम 2012 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा के पेपर लीक मामले में भी आया था। जिसके लिए दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने उसे गिरफ्तार भी किया था। बिहार पुलिस ने शुरू में पेपर लीक से जुड़े एक छात्र, सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान अत्री से संबंध भी सामने आए, जिसके बाद अब यूपी एसटीएफ ने उसे पकड़ लिया है।
कौन है रवि अत्री, एग्जाम माफिया से कैसे जुड़े तार
ग्रेटर नोएडा के नीमका गांव का रहने वाला रवि अत्री को साल 2007 में, परिवार ने उन्हें मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा भेजा। उन्होंने 2012 में परीक्षा पास कर ली और पीजीआई रोहतक में दाखिला ले लिया, लेकिन चौथे साल परीक्षा में शामिल नहीं हुए। अधिकारियों के अनुसार तब तक वह 'परीक्षा माफिया' के संपर्क में आ चुका था और अन्य उम्मीदवारों के लिए प्रॉक्सी के रूप में बैठा था। उन्होंने लीक हुए पेपरों को छात्रों के बीच प्रसारित करने में भी अहम भूमिका निभानी शुरू कर दी।
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