सार
Tata Electronics Private Limited Vacancy: रतन टाटा, जिनका नाम भारत के सबसे प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में शुमार है, अपने सामाजिक सरोकार और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयासों के लिए जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं। अब टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने एक और महत्वपूर्ण पहल की है, जिसमें उत्तराखंड की 4,000 महिलाओं को तमिलनाडु और कर्नाटक में रोजगार देने का निर्णय लिया गया है।
महिलाओं के लिए बड़ा अवसर
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि उत्तराखंड की 4,000 महिलाओं को उनके होसुर (तमिलनाडु) और कोलार (कर्नाटक) प्लांट्स में रोजगार दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य न केवल रोजगार के अवसर पैदा करना है, बल्कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और उन्हें मुख्यधारा में लाना भी है।
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना के तहत, वे महिलाएं जो कक्षा 10 या 12 पास कर चुकी हैं, एनपीएस (नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम) कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकती हैं। वहीं, जिनके पास आईटीआई डिप्लोमा है, वे एनएटीएस (नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम) कार्यक्रम के तहत आवेदन कर सकती हैं। यह योजना उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है जो तकनीकी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हैं और खुद को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना चाहती हैं।
सैलरी के साथ अन्य सुविधाएं
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने केवल रोजगार ही नहीं, बल्कि रोजगार से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान करने का वादा किया है। चयनित महिलाओं को निश्चित वेतन के साथ-साथ आवास, भोजन, परिवहन और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। यह पहल सुनिश्चित करती है कि इन महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और वे पूरी तरह से अपने काम पर फोकस कर सकें।
रतन टाटा का दृष्टिकोण और योगदान
रतन टाटा, जो टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, ने हमेशा से ही समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को प्रमुखता दी है। 86 वर्षीय रतन टाटा को उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए न केवल भारत बल्कि विदेशों के भी कई विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई है। 2008 में भारत सरकार ने उन्हें अपने दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल उद्योग क्षेत्र में बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं।
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