सार

1956 में 1 नवंबर के दिन ही देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) को भी केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) के रूप में पहचान दी गयी थी। अलग राज्य बनाने का अधिकार संसद के पास होता है। संसद कानून के जरिए देश में अलग राज्य बना सकती है। 

करियर डेस्क. 1 नवंबर की तारीख का भारत के इतिहास में बहुत महत्व है। इस तारीख को देश में 6 अलग-अलग राज्यों का गठन (foundation) किया गया था। हालांकि साल अलग थे लेकिन तारीख 1 नवंबर ही थी। मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक और केरल शामिल हैं। इन छह राज्यों के अलावा साल 1956 में 1 नवंबर के दिन ही देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) को भी केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) के रूप में पहचान दी गयी थी। लेकिन क्या आप जानते हैं अलग-राज्य का गठन कैसे होता है, देश में भाषाई आधार पर कब पहली बार राज्य बने। आइए हम आपको बतातें हैं राज्यों के गठन को लेकर कुछ रोचक फैक्ट्स।

कैसे बनते हैं नए राज्य
अलग राज्य बनाने का अधिकार संसद के पास होता है। संसद कानून के जरिए देश में अलग राज्य बना सकती है। नया राज्य दो या ज्यादा राज्यों को मिलाकर या इन राज्यों के हिस्सों को मिलाकर बन सकता है। संसद के पास यह अधिकार होता है कि वह किसी भी राज्य का नाम या सीमा को बदल सकती है। हालांकि राज्य का गठन करने से पहले एक बिल प्रेजिडेंट द्वारा संबंधित राज्य की विधानसभा को भेजा जाता है। इसके बाद राज्य सरकार का विचार जानने के बाद असेंबली में एक प्रस्ताव रखा जाता है। इसके पारित होने पर अलग राज्य के गठन के लिए एक बिल भी पास करना होता है। आखिर में इस मसले पर एक बिल प्रेजिडेंट की अनुशंसा पर संसद में रखा जाता है। इसके बाद दो-तिहाई बहुमत से पास करना होता है। दो तिहाई बहुमत से बिल पास होने के बाद अलग राज्य का गठन हो जाता है। 

इसे भी पढे़ं- General Knowledge: जानें कहां से कंट्रोल होती है सोने की कीमत, गोल्ड से भी महंगी है ये लकड़ी


भाषा के आधार पर कौन-कौन से राज्य बने
भाषा के आधार पर राज्य बनाने की मांग 1950 में शुरू हुई। सबसे पहले तेलुगु भाषा में राज्य बनाने की मांग उठी। लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भाषा के आधार पर राज्य बनाने के खिलाफ थे लेकिन इसके बाद भी कन्नड़, मराठी, गुजराती व मलयालय भाषा के आधार पर राज्य का गठन हुआ। 

किन राज्यों से अलग होकर नए राज्य बने
1960 में बॉम्बे से अलग होकर महाराष्ट्र और गुजरात बने। नागालैंड, असम से अलग हुआ। पंजाब से दो नए राज्य हरियाणा और हिमाचल बने। यूपी से अलग होकर उत्तराखंड बना। मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ और बिहार से अलग होकर झारखंड बना।

1987 में गोवा को मिला राज्य का दर्जा
गोवा में पहले पुर्तगालियों का कब्जा था। साल 1961 में गोवा को आजाद कराया गया। इसके बाद इसे एक केंद्र शासित राज्य बनाया गया। 1987 में इसे एक राज्य के रूप में मान्यता मिली और पणजी को इसकी राजधानी बनाया गया।

इसे भी पढ़ें- क्या आप जानते हैं खाने की इन चीजों के इंग्लिश नाम, गोलगप्पे और समोसे का नाम आपको कर देगा हैरान


सक्रिय ज्वालामुखी किस राज्य में
अंडमान और निकोबार केन्द्र शासित प्रदेश है। इसे समुद्री कछुओं का सबसे बड़ा घर कहलाता है। यह भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी वाला राज्य है। उसी तरह दादर गुजरात में और नगर हवेली महाराष्ट्र और गुजरात के बॉर्डर पर है। 1779 तक यहां पर पुर्तगालियों का कब्जा था। इसे 1961 में केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।