सार
आदित्य सिंह बचपन से औसत छात्र थे लेकिन स्कूल में अतिरिक्त गतिविधियों में भाग लेते थे। शुरूआती दिनों में वह सोचते थे कि सविल सर्विस में अच्छी पृष्ठभूमि से अच्छे बच्चे आते हैं। शुरू में उनमें झिझक थी कि ऐसे बच्चों से प्रतिस्पर्धा करनी है।
करियर डेस्क. UPSC की तैयारी करने वाले हर एक बात का फोकस रखते हैं। मुजफ्फरनगर के तितावी गांव के रहने वाले आदित्य सिंह (Aditya Singh) का यूपीपीसीएस (UPPSC) में सिलेक्शन हुआ है उन्हें 92वीं रैंक मिली है। आदित्य सिंह बचपन से औसत छात्र थे लेकिन स्कूल में अतिरिक्त गतिविधियों में भाग लेते थे। शुरूआती दिनों में वह सोचते थे कि सविल सर्विस में अच्छी पृष्ठभूमि से अच्छे बच्चे आते हैं। शुरू में उनमें झिझक थी कि ऐसे बच्चों से प्रतिस्पर्धा करनी है। उन्होंने बताया कि UPSC की तैयारी करने के साथ-साथ कई बातों पर ध्यान दिया जाता है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi UPSC 2020 में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने आदित्य से बातचीत की। आइए जानते हैं UPSC की तैयारी करने वालों के लिए आदित्य सिंह ने क्या टिप्स दिए हैं।
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मेडिटेशन और डायरी राइटिंग की आदत ने किया बदलाव
उन्होंने कहा कि जब वह नौकरी के साथ तैयारी करते थे, वह दौर उनके लिए चुनौतियों से भरा हुआ था। एक तरफ जॉब से जुड़े काम पर ध्यान देना जरूरी था। दूसरी ओर तैयारी पर भी ध्यान देना था। ऐसे दौर में निराशा स्वाभाविक है लेकिन उससे उबरने में उनकी दो आदतों ने बड़ी मदद की। पहले तो वह नियमित मेडिटेशन करते थे। दूसरे उन्हें डायरी लिखने की आदत थी। उनका कहना है कि जब आप खुद के साथ थोड़ा समय बिताते हैं, तब आप खुद के साथ ईमानदार रहते हैं कि आप अपना काम कर रहे हैं। अपनी कमियों को लगातार सुधारेंगे। यह चीज जीवन भर आपकी मदद करती है।
फैमिली का था पूरा सपोर्ट
ग्रामीण पृष्ठभूमि में पले बढ़े आदित्य ने बचपन से समाज में डीएम और एसपी के रूप में प्रशासनिक अफसरों की सकारात्मक भूमिका देखी। चाहे आमजन को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना हो या दिन प्रतिदिन की जिंदगी में आमजन की दिक्क्तों के समाधान की बात। समाज में यदि किसी को कोई भी परेशानी होती है तो वह प्रशासनिक अफसरों की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देखता है। कॉलेज के दिनों से ही उन्होंने अपने जिले में काम कर रहे प्रशासनिक अफसरों के काम काज को देखा तो उन्हें लगा कि मुझे भी ऐसा करना चाहिए। उनके साथ परिवार का पूरा सपोर्ट था। उससे उनका उत्साह ज्यादा बढ़ा लेकिन वह ग्रेजुएशन करने नोएडा गए और सिविल सर्विसेज के तैयारी की तरफ कदम बढा दिए।
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गीता का एक श्लोक बना जीवन के लिए प्रेरणा
आदित्य सिंह बचपन से औसत छात्र थे लेकिन स्कूल में अतिरिक्त गतिविधियों में भाग लेते थे। शुरूआती दिनों में वह सोचते थे कि सविल सर्विस में अच्छी पृष्ठभूमि से अच्छे बच्चे आते हैं। शुरू में उनमें झिझक थी कि ऐसे बच्चों से प्रतिस्पर्धा करनी है। इसकी वजह से कई बार उन्हें लगता था कि उनका चयन यूपीएससी में होना मुश्किल है। कई बार उनके मन में खुद को लेकर यह शंका उत्पन्न होती थी। लेकिन उन्हें श्रीमद्भागवत गीता से प्रेरणा मिलती थी कि कर्म करना अपने हाथ में है परिणाम पर अपना वश नहीं है। इस तरह जैसे जैसे वह आगे बढें, उनकी झिझक खत्म हो गयी। क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैतत्त्वय्युपपद्यते, क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्त्वोत्तिष्ठ परन्तप (हे पार्थ क्लीव (कायर) मत बनो। यह तुम्हारे लिये अशोभनीय है, हे ! परंतप हृदय की क्षुद्र दुर्बलता को त्यागकर खड़े हो जाओ) गीता का यह श्लोक उनके लिए प्रेरणा बन गया।
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किसी को भी आंख बंद कर फॉलो मत करिए
आदित्य कहते हैं कि आप जो भी परीक्षा दे रहे हैं, पहले उसकी जरूरतों को समझिए। यदि आप सविल सर्विस के लिए परीक्षा में बैठते हैं तो आप स्पष्ट रहिए। आपके पास इस सवाल का जवाब होना चाहिए कि आप सिविल सर्विस की परीक्षा में क्यों बैठ रहे हैं? यह जवाब आपको हताशा और निराशा के समय हिम्मत देगा। सोर्सेज का पता होना चाहिए। बहुत सारे सोर्सेज के पीछे भागने लगते हैं तो दिक्कत होती है। किसी भी टॉपर या कोचिंग को आंख बंद करके फॉलो मत करिए। सबकी अलग अलग अप्रोच होती है। किसी के लिए जो चीज काम करती है जरूरी नहीं कि वह आपके लिए भी काम करे। हर किसी की ताकत और कमजोरी अलग अलग होती है। प्री के लिए जरूरी है कि आप पिछले 20 साल के लिए प्रेपर जरूर साल्व करें। मेंस के लिए जरूरी है कि आप प्रश्न और उत्तर लिखने की प्रैक्सिट करें। इंटरव्यू के लिए जरूरी है कि आप बातचीत की प्रैक्टिस करें। खुद पर आत्मविश्वास रखें।
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