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हेल्थकेयर में क्या दिक्कतें हैं? UPSC इंटरव्यू में 44वीं रैंक पाने वाले दिव्यांशु से पूछे गए थे ऐसे सवाल
करियर डेस्क. करियर डेस्क. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi 2020 में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। 44वीं रैंक पाने वाले लखनऊ के दिव्यांशु निगम (Divyanshu Nigam) ने बताया कि उनसे किस तरह के सवाल पूछे गए थे और उनके जवाब उन्होंने किस तरह से दिए। आइए जानते हैं UPSC इंटरव्यू कैसे सवाल उनसे पूछे गए थे?
| Published : Oct 15 2021, 01:05 PM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:19 PM IST
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सवाल- डिप्लोमेसी, फॉरेन पालिसी और स्ट्रेटजी में क्या अंतर होता है?
जवाब- डिप्लोमेसी बड़ा टर्म है। जरूरी नहीं है कि आप इसे सिर्फ फॉरेन रिलेशन में ही इस्तेमाल करें। डिप्लोमेसी को स्थानीय स्तर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। किसी को कन्वेंस करने में भी यूज कर सकते हैं। बड़ी सी पॉलिसी का वह हिस्सा जो फॉरेन रिलेशंस के बारे में होता है। हमारे देश से अन्य देशों के प्रति हम जो पॉलिसी बनाते हैं। यह फारेन रिलेशंस कहा जाता है। किस तरह से आगे बढेंगे, इस संबंध में जो योजना बनाते हैं। वह स्ट्रेटजी है।
सवाल- जितने भी species extinction हुए हैं, क्या सब ह्यूमन की वजह से हुए हैं?
जवाब- आज से 24 करोड़ साल पहले भी extinction हुआ था। पर वह ह्यूमन कारणों से नहीं हुआ था। हर बार extinction को हम ह्यूमन से नहीं जोड़ सकते लेकिन आजकल जो हो रहा है। उसमें बहुत सा कारण ह्यूमन का भी है सब नहीं हुए हैं।
सवाल- कोविड की वजह से एजुकेशन में बहुत नुकसान हुआ है, उसे कैसे रिकवर किया जा सकता है?
जवाब- जमीनी स्तर पर एक्टिविटी बढ़ाई जाए। बच्चों को टैबलेट दिया जाए। विशेष तौर पर लड़कियों को टैबलेट दिया जाए। बहुत बार लड़के-लड़कियों में भेद भाव हो जाता है। इस वजह से लड़कियों को नहीं मिल पाता है। टैबलेट मिलने से बच्चे पढ़ पाएंगे। आजकल स्कूल नहीं जाने की वजह से बच्चे पढ़ाई से हट जाते हैं। उन बच्चों को दोबारा लाने के लिए इंटेसिव देने पड़ेंगे।
सवाल- हेल्थकेयर में क्या दिक्कतें हैं, तकनीक का कैसे उपयोग कर सकते हैं?
जवाब- मौजूदा रिर्सोसेज का भरपूर इस्तेमाल करें। डिजिटल हेल्थ की बात कहीं जा रही है तो इसके लिए केसेज को एक जगह स्टोर करें ताकि और डॉक्टर पढ़ पाएं। उसके बारे में जान पाएं। प्राइमरी हेल्थ केयर की बात करें तो वहां डॉक्टर होते हैं पर उपकरण नहीं होते हैं। उनको उपकरण उपलब्ध कराने के लिए फंड का प्रबंधन अच्छे से करना होगा। तकनीक का उपयोग करके उसे ऐसा बनाया जाए की पैसा कैसे-कैसे यूज करना है, कौन सा पैसा कहां गया है। ताकि पब्लिक को भी पता रहे और पैसा इधर उधर मत जाए। कई बार पैसा होने की बावजूद भी उपकरण नहीं आ पाते हैं। इसके लिए भी आप तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं। जियो टैगिंग कर सकते हैं।
सवाल- क्या उत्तर प्रदेश का विभाजन करना चाहिए या नहीं?
जवाब- यूपी का विभाजन नहीं करना चाहिए। पूरे उत्तर प्रदेश में सोसाइटी बनाकर रखी गयी है। एक ही भाषा है। एक ही तरह की संस्कृति है। थोड़े-थोड़े अंतर हो सकते हैं। लोगों की भी अभी ऐसी कोई डिमांड नहीं है कि अलग राज्य बना दिया जाए फिर आर्थिक क्षमता कैसे बनाएंगे। अभी यह समय ठीक नहीं है कि यूपी का विभाजन कर दिया जाए। पूरा क्षेत्र सर्वाइव नहीं कर पाएगा। हां, लेकिन कुछ साल बाद जब विकास आगे बढ़ जाएगा। यूपी की औसत आय बढ जाए। तब इसके बारे में सोचा जा सकता है, लेकिन तब भी तभी सोचा जाए, जब जनता खुद प्रदेश के विभाजन की मांग करे।
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