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UPSC 2020 टॉपर स्पीकः देश की ग्रोथ स्टोरी में रोल प्ले करना चाहते हैं तो बेस्ट प्लेटफॉर्म है सिविल सर्विस
करियर डेस्क. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi 2020 में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने 54 वीं रैंक हासिल करने वाले विधु शेखर से बातचीत की। उन्होंने अपनी सक्सेज जर्नी के साथ-साथ युवाओं को कई अहम सुझाव भी दिए। उन्होंने बताया कि देश की ग्रोथ स्टोरी में रोल प्ले करना चाहते हैं तो बेस्ट प्लेटफॉर्म है सिविल सर्विस। विधु शेखर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT), इलाहाबाद से ग्रेजुएट हैं। आइए जानते हैं उन्होंने युवाओं के लिए क्या अहम सुझाव दिए।
| Published : Oct 17 2021, 02:25 PM IST / Updated: Feb 02 2022, 10:08 AM IST
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2018 में भारतीय राजस्व सेवा में हुआ था चयन
एक बार फिर विधु शेखर यूपीएससी की वर्ष 2018 की परीक्षा में शामिल हुए। तब उनकी 173वीं रैंक आयी थी। उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा (इनकम टैक्स) में हुआ था। वर्तमान में वह नेशनल अकादमी ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (NADT), नागपुर में प्रशिक्षणरत हैं लेकिन ट्रेनिंग के दौरान भी उन्होंने परीक्षा की तैयारी जारी रखी और यूपीएससी की वर्ष 2019 की परीक्षा में शामिल हुए। उसमें भी उन्हें सफलता मिली। तीसरे प्रयास में उन्हें 191वीं रैंक मिली थी।
नौकरी छोड़ने का फैसला नहीं था आसान
विधु शेखर ने अगस्त 2017 में नौकरी छोड़ी और नवम्बर 2017 में मेन परीक्षा में शामिल हुए। यह यूपीएससी में उनका पहला प्रयास था। जनवरी में मुख्य परीक्षा के नतीजे आए तो उसमें वह पास नहीं हुए थे। यह उनके लिए किसी सदमें की तरह था। तब उन्हें महसूस हुआ की नौकरी छोड़कर उन्होंने रिस्क लिया है। उनका कहना है कि यह खुद के करियर को खतरे में डालने जैसा था, क्योंकि प्राइवेट नौकरी में यदि कोई प्रोफेशनल दो—तीन साल तक नौकरी नहीं करता है तो उसे आगे नौकरी मिलना मुश्किल हो जाता है। मौजूदा समय में योग्य प्रोफेशनल्स की कमी नहीं है। टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही है। ऐसे में उन्हें लग रहा था कि यदि यूपीएससी में सफल नहीं हुए तो वह अपने करियर में किस तरफ कदम आगे बढाएंगे? पर उन्हें खुद पर विश्वास था कि वह यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर लेंगे। उनका यह आत्मविश्वास ही उनके लिए मोटिवेशन बना।
असफल होने के बाद अपनी कमियों को समझा
विधु शेखर कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी व चयन तक की यात्रा बड़ी लंबी होती है। इस यात्रा में अपना मोटिवेशन बनाए रखना है। हार्ड वर्क करना है। काफी लोग संघर्ष करते भी हैं। यदि व्यक्ति लग्न से लगा रहता है, तो सफलता मिलती है। यदि आप यह सोचेंगे कि सफलता किन कारणों से नहीं मिली है और उन कारणों की पड़ताल कर, उन्हें सुधारेंगे, तो आपको सफलता निश्चित मिलेगी। उन्होंने भी मुख्य परीक्षा में असफल होने के बाद अपनी कमियों को समझा और उसमें सुधार लाएं। विधु कहते हैं कि यदि आप ज्यादा सोचेंगे तो निराशा होगी। योजना बनाइए और अपने प्रयास में लगे रहिए। जब भी आप निराश हों। दोस्तों, परिवारवालों और टीचर्स से चर्चा करें। उससे आपको मदद मिलेगी।
देश की ग्रोथ स्टोरी में रोल प्ले करना चाहते हैं तो सिविल सर्विस अच्छा प्लेटफार्म
विधु शेखर कहते हैं कि भारत अवसरों का देश है। हमारा देश काफी तेजी से विकसित हो रहा है। आपको जिस भी क्षेत्र में जाना है। आपके पास बहुत अवसर हैं। आगामी दशक में भारत की काफी तेजी से ग्रोथ होगी। यदि आपको सिविल सर्विस में जाना है तो यही मौका है। अगर आपको लगता है कि आप भारत के विकास की कहानी में रोल प्ले करना चाहते हैं, महत्वपूर्ण जगह पर आना चाहते हैं तो सिविल सर्विस अच्छा प्लेटफार्म रहेगा। यदि नहीं चाहते हैं तो आपके पास काफी अन्य अवसर हैं जो आप कर सकते हैं। समाज में प्रशासनिक सेवा अहम भूमिका निभाती है। करियर का यह बहुत अच्छा विकल्प है। यदि आप यहां काम करेंगे तो आपको संतुष्टि मिलेगी कि आप जनता के लिए काम कर रहे हैं।
प्रतिदिन 8 घंटे करते थे पढ़ाई
विधु शेखर प्रतिदिन करीबन 8 घंटे पढ़ाई करते थे। ऐसा भी समय आया, जब कोरोना की वजह से यूपीएससी की तैयारी बाधित हुई तो उन्होंने ऑनलाइन मोड का सहारा लिया। मुख्य परीक्षा के लिए टयूटोरियल से भी मदद मिली। अन्य विषयों के टीचर्स ने उनका सहयोग किया। सेल्फ स्टडी भी की। ट्रेनिंग के दौरान भी उन्हें जब समय मिलता था। वह परीक्षा की तैयारियों में जुट जाते थे। यूपीएससी 2020 की परीक्षा में वह ट्रेनिंग के दौरान ही शामिल हुए। इस बीच ट्रेनिंग के असाइनमेंट पूरे करना और पढ़ाई पर भी फोकस करना चुनौती से कम नहीं थे। मूवी और फुटबॉल मैच देखना उनकी हॉबी है।
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