सार
द्रौपदी मूर्मू अगर चुनाव जीतीं तो पहली बार होगा जब आदिवासी समुदाय से किसी को राष्ट्रपति बनने का मौका मिलेगा। वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। उनसे पहले दलित वर्ग से आने वाले केआर नारायणन और रामनाथ कोविंद इस पद पर पहुंचे हैं।
करियर डेस्क : देश के होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) के लिए NDA ने द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को अपना उम्मीदवार बनाया है। मंगलवार शाम भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग में उनके नाम पर सहमति बनी। मूर्मू अगर चुनाव जीतती हैं तो वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) के बाद इस पद पर पहुंचने वाली वह दूसरी महिला होंगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि NDA राष्ट्रपति कैंडिडेट मूर्मू की एजुकेशन कितनी है? उन्होंने कितनी पढ़ाई की है और कैसा रहा है उनका करियर? अगर नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं।
द्रौपदी मुर्मू की एजुकेशन
द्रौपदी मूर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक आदिवासी परिवार में हुआ था। उन्होंने रामा देवी विमेंस कॉलेज से बीए (आर्ट्स) में ग्रेजुएशन किया है। राजनीति में आने से पहले मुर्मू ने एक शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और फिर ओडिशा के राज्य सचिवालय में सरकारी क्लर्क के तौर पर काम की। इसके बाद ओडिशा की राजनीति में एंट्री ली।
1997 में पॉलिटिकल करियर की शुरुआत
मूर्मू 1997 में पहली बार राजरंगपुर जिले से नगर पंचायत का चुनाव जीत पहली बार पार्षद बनी। साल 2000 में वो राजरंगपुर से पहली बार विधायक बनीं। इस सीट से वह दो बार विधायक रहीं।
ओडिशा की नवीन पटनाय के नेतृत्व वाली भाजपा और बीजू जनता दल (बीजद) की गठबंधन सरकार में साल 2000 से 2004 के बीच कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। ओडिशा में बीजेपी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान मूर्मू 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहीं। 6 अगस्त, 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास राज्यमंत्री के तौर पर काम किया।
देश के किसी राज्य की पहली आदिवासी राज्यपाल बनीं
द्रौपदी मुर्मू अपने राजनीतिक जीवन में वह पार्टी के अंदर कई प्रमुख पदों पर रहीं। 2013 से 2015 तक बीजेपी की एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी थीं। 1997 में जब वह पार्षद के तौर पर चुनी गईं तो उसी साल उन्हें भाजपा के एसटी मोर्चा का राज्य उपाध्यक्ष चुना गया। 18 मई 2015 को झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं। छह साल एक महीने तक वह इस पद पर बनी रहीं। वो देश के किसी भी राज्य की पहली आदिवासी राज्यपाल हैं। मूर्मू पहली ओडिया नेता हैं, जिन्हें देश के किसी राज्य का राज्यपाल बनाया गया।
चुनाव जीतीं तो सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी
द्रौपदी मुर्मू अगर 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत कर आती हैं तो 25 जुलाई को उनका शपथ ग्रहण होगा। जिस दिन वह शपथ लेंगी उस दिन उनकी उम्र 64 साल 35 दिन होगी। जो देश की सबसे कम उम्र की राष्टपति बन जाएंगी। अभी तक सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के नाम है। वो जब राष्ट्रपति बने थे, तब उनकी उम्र 64 साल दो महीने 6 दिन थी। मुर्मू चुनाव जीतती हैं तो प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के बाद वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। प्रतिभा पाटिल 2007 से 2012 तक देश के सर्वोच्च पद पर रहीं थीं।
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