सार
यूपी के सभी 75 जिलों में 2018-19 में किए गए अध्ययन के अनुसार 11 से 14 साल उम्र की 5.13 लाख छात्राओं ने स्कूली शिक्षा सिर्फ इसलिए छोड़ दी क्योंकि वहां समुचित साफ-सफाई और माहवारी संबंधित सुविधाएं नहीं थीं।
करियर डेस्क. 2020-21 शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के एक हजार राजकीय बालिका हाईस्कूल एवं इंटर कॉलेजों में सेनिटरी पैड वेंडिंग मशीन और इंसीनरेटर लगाए जाएंगे। लड़कियों के स्वास्थ्य, हाईजीन एवं साफ-सफाई के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत कुल तीन करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
प्रत्येक विद्यालय में 30 हजार रुपये की लागत से पैड वेंडिंग और कचरे के निस्तारण के लिए इंसीनरेटर मशीन लगाई जाएगी।
माहवारी के समय बच्चियां नहीं छोड़ेंगी स्कूल
विशेषज्ञों की मानें तो 11 से 18 वर्ष की किशोरी अगर महावारी के दौरान साफ़ सफाई का ध्यान रखती है तो वह कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं और होने वाले संक्रमण से बच सकती है। इससे स्कूलों में बालिकाओं के पढ़ाई छोड़ने की संख्या में भी कमी होने की उम्मीद है।
साफ-सफाई को बढ़ावा देने लिया गया फैसला
महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के अधीन इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेस की ओर से यूपी के सभी 75 जिलों में 2018-19 में किए गए अध्ययन के अनुसार 11 से 14 साल उम्र की 5.13 लाख छात्राओं ने स्कूली शिक्षा सिर्फ इसलिए छोड़ दी क्योंकि वहां समुचित साफ-सफाई और माहवारी संबंधित सुविधाएं नहीं थीं। नेशनल हेल्थ मिशन में भी 10 से 19 वर्ष की बालिकाओं में माहवारी संबंधित साफ-सफाई को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है।
इनका कहना है
स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद, समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत एक हजार स्कूलों में सेनिटरी पैड वेंडिंग मशीन और इंसीनरेटर स्थापित करने के लिए तीन करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। प्रत्येक स्कूल को 30 हजार रुपये मिलेंगे
प्रयागराज में इन स्कूलों में लगेगी मशीन
जिले में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज हंडिया, जसरा, मुंगारी रामपुर, नारीबारी, सिविल लाइंस, ओल्ड कटरा, फाफामऊ, शंकरगढ़, फूलपुर, राजकीय बालिका हाईस्कूल गोहरी, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेरी मांडा, पिपरांव समेत 23 विद्यालयों में मशीन लगेगी।