सार
अक्सर लोग सोचते हैं कि महान लोगों में कुछ खास ही बात होती है। वो औरों से पूरी तरह अलग होते हैं। शायद भगवान ही उन्हें सर्वगुणसंपन्न बना कर भेजते हैं। लेकिन वास्तव में बात ऐसी नहीं है।
करियर डेस्क। अक्सर लोग सोचते हैं कि महान लोगों में कुछ खास ही बात होती है। वो औरों से पूरी तरह अलग होते हैं। शायद भगवान ही उन्हें सर्वगुणसंपन्न बना कर भेजते हैं। लेकिन वास्तव में बात ऐसी नहीं है। महान लोग भी सामान्य लोगों की तरह ही होते हैं। उनमें जन्मजात ऐसे गुण नहीं होते जो उन्हें औरों से अलग और खास बनाते हैं। फिर वो क्या बातें होती हैं, जो उन्हें खास बना देती हैं? क्यों कुछ लोग तो समान स्थितियों में रहते हुए विशेष उपलब्धियां हासिल कर लेते हैं और नए विचारों, नए ज्ञान के प्रवर्तक बन जाते हैं, वहीं ज्यादातर लोग बस महज जीवन-यापन के संघर्ष में लगे रहते हैं और उसमें भी विशेष सफलता प्राप्त नहीं कर पाते। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ छोटी-छोटी, पर खास बातों के बारे में जो किसी व्यक्ति को इतना महत्वपूर्ण बना देती हैं कि इतिहास उन्हें युगपुरुष का दर्जा देता है। ये बातें उनकी जीवनशैली, विचारों और कार्यों से जुड़ी होती हैं।
1. कुछ मामूली बातें
महात्मा गांधी का उदाहरण लें। सारी दुनिया उन्हें महान पुरुष मानती है और उनका सम्मान करती है। क्या वे शुरू से ही असाधारण गुणों से संपन्न थे? नहीं, उनकी आत्मकथा ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’से यह पता चलता है कि बचपन में उनमें कई बुरी आदतें थीं। उन्होंने चोरी भी की, घरवालों से छुप कर मांस भी खाया, बुरी संगत में पड़कर और भी गलत काम किए, लेकिन जब उन्हें यह एहसास हो गया कि यह गलत है तो उन्होंने अपने बीमार पिता को पत्र लिखकर अपनी गलती स्वीकार कर ली और पश्चाताप किया।
2. लोग झूठ क्यों बोलते हैं
जाहिर है, झूठ लोग तभी बोलते हैं, जब उन्हें लगता है कि उन्होंने कोई गलत काम किया है और इसे लोगों से छुपाना जरूरी है। फिर एक झूठ को छुपाने के लिए कई झूठ बोलने पड़ते हैं और इस तरह झूठ का एक सिलसिला शुरू हो जाता है। कहा गया है कि झूठ के पांव नहीं होते। वह पकड़ में आ ही जाता है। इसके बाद झूठे आदमी की विश्वसनीयता खत्म हो जाती है। कोई उस पर भरोसा नहीं करता। हालत ये हो जाती है कि ऐसे लग सच भी बोलें तो जल्दी कोई यकीन नहीं करता।
3. झूठ बोलना जरूरी नहीं
क्या झूठ बोलना जरूरी है? हर्गिज नहीं। आप ऐसा काम ही न करें कि झूठ बोलने की नौबत आए और अगर आपसे कोई गलती हो गई है तो क्या उसे छुपाना जरूरी है? गलती किससे नहीं होती! इंसान में हजार बुराइयां होती हैं। उन्हें छुपाने की जगह यदि स्वीकार कर लें तो कोई गलत नहीं मानेगा, क्योंकि गलती स्वीकार करने का मतलब है कि वह सुधारी जाएगी। अपनी गलती को स्वीकार कर उन्हें दूर करने वाले का सभी लोग सम्मान करते हैं और वह भी किसी तरह के तनाव में नहीं रहता।
4. समय की पाबंदी
प्राय: देखा गया है कि महान लोग समय के पाबंद होते हैं। समय की पाबंदी को सबसे अच्छे गुणों में एक माना गया है। फिर भी लोग समय के पाबंद नहीं होते। अक्सर लोग ऑफिस, स्कूल-कॉलेज और सभा-सोसाइटियों में देर से ही पहुंचते हैं। ऑफिस और संस्थानों में देर से आने के कारण कई बार लोगों को प्रबंधन से चेतावनी भी मिलती है, पर ये आदत छूटती नहीं। इसके लिए रोज-ब-रोज कुछ न कुछ बहाने मिल ही जाते हैं। वहीं, कुछ लोग समय के सख्त पाबंद होते हैं। अगर आप सिर्फ समय के पाबंद हो जाते हैं, तो समझ लें कि आपने अपने अंदर एक महान गुण विकसित कर लिया।
5. शिकवा-शिकायत
कई लोगों की आदत होती है कि वो दूसरों के बारे में दूसरों से तरह-तरह की शिकायत करते हैं। इससे कोई लाभ नहीं होता, बल्कि व्यक्ति सिर्फ अपने दिल की भड़ास निकाल देता है। कई बार किसी व्यक्ति से कोई अच्छा व्यवहार नहीं करता तो वह दुखी हो जाता है, लेकिन उसके पद-प्रभाव के कारण कुछ बोल नहीं पाता और पीठ पीछे उसकी शिकायत करता है। इससे उसकी कुंठा कम होने की जगह और बढ़ ही जाती है। किसी के पीठ पीछे किसी की शिकायत करने से क्या फायदा, जब वो सुन ही न रहा हो। यह बात उसे दूसरों के माध्यम से जब पता चलेगी तो अच्छा नहीं लगेगा।