सार
विवेक ने कहा- मेरी टीम और मैंने किसानों और गरीबों के बच्चों की मदद करने के लिए यह पहल की है, ताकि वे बाहर जाकर अपना करियर बना सकें। इसके लिए स्कॉलरशिप प्रोग्राम i30 लॉन्च किया गया है।
करियर डेस्क. Vivek Oberoi Scholarships i30 Programme: लॉकडाउन में पूरे देश के सच्चे हीरो बन चुके अभिनेता सोनू सूद के बाद अब एक और एक्टर की दरियादिली सुर्खियों में हैं। ये हैं अभिनेता विवेक ओबेरॉय (Vivek Oberoi) जिन्होंने किसान बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाने अनूठी पहल की है। विवेक ने एक एजुकेशनल कैंपेन लॉन्च किया है, जिसके तहत वे योग्य बच्चों को 16 करोड़ रुपए की आर्थिक करेंगे।
इसका नाम है स्कॉलरशिप प्रोग्राम i30 (Scholarships i30 Programme) जिसके जरिए किसानों के बच्चें JEE और NEET जैसे एग्जाम क्लियर कर सकेंगे। उन्हें कोचिंग-किताबें आदि के लिए वजीफा दिया जाएगा। विवेक के इस कदम का फायदा गांवों में रह रहे किसान परिवारों के बच्चों को होगा।
विवेक ने स्कॉलरशिप के बारे में बताया, "गांव का हर बच्चा जब भी कुछ बड़ा करता है तो न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव को आगे बढ़ाता है। हमारे आसपास कई सराहनीय और प्रतिभाशाली बच्चे हैं। लेकिन वे उच्चा शिक्षा और कोचिंग का खर्चा उठाने में सक्षम नहीं होते। यहां तक कि आर्थिक परेशानियों के चलते वे पसंद के कॉलेज में भी नहीं जा पाते। इस वजह से मैं नहीं चाहता कि इतने प्रतिभाशाली छात्र सिर्फ उनकी जगह (जहां से वे आते हैं) की वजह से नजरअंदाज हों। मेरी टीम और मैंने उनके सपनों को हासिल करने में मदद करने के लिए यह पहल की है, ताकि वे बाहर जाकर अपना करियर बना सकें।"
क्या है i30 प्रोग्राम?
स्कॉलरशिप प्रोग्राम i30 कोचिंग टीचर, आनंद कुमार के सुपर 30 प्रोग्राम का ही डिजिटलीकरण ट्रेनिंग प्रोग्राम है। i30 प्रोग्राम ग्रामीण भारत के बच्चों को पढ़ाने के लिए हाई क्वालिटी और प्रोग्रेसिव मॉड्यूल्स का इस्तेमाल करता है। इसके तहत छोटे-छोटे शहरों में 90 वर्चुअल लर्निंग सेंटर खोले गए हैं, ताकि आईआईटी और मेडिकल फील्ड से जुड़े स्टूडेंट्स क्लासरूम तक पहुंच सकें और अफोर्डेबल कॉस्ट में JEE और NEET की पढ़ाई कर सकें।
2.50 लाख से ज्यादा कैंसर बच्चों का इलाज करवा चुके हैं विवेक
बता दें कि, 18 साल पहले विवेक ने कैंसर पेशेंट ऐड एसोसिएशन (CPAA) संग मरीजों की मदद करने की ठानी थी। अब तक वे गांवों में रह रहे किसान परिवारों के कैंसर से जूझ रहे 2.50 लाख से ज्यादा बच्चों की मदद कर चुके हैं।