सार
एक इंटरव्यू में सपना ने बताया था कि उनका पहला प्रोग्राम 10 दिसंबर 2012 को जब कैथल जिले के पुंडरी में हुआ तो बदले में कुछ नहीं मिला था। बाद में अगले प्रोग्राम में बतौर फीस 3100 रुपए मिले थे।
मुंबई। 'तेरी आंख्या का यो काजल' गाने से घर-घर में पॉपुलर हुई हरियाणवी सिंगर और डांसर सपना को एक अब एक लड़की से कड़ी टक्कर मिलने वाली है। दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक लड़की सपना को डांस में कड़ी चुनौती देती नजर आ रही है। इस बात को खुद सपना ने भी मान लिया है। वीडियो को सपना ने खुद सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
वीडियो में सपना अपने सुपरहिट गाने 'तेरी आंख्या का यो काजल' पर डांस कर रही हैं। सपना के साथ ही रेड एंड ब्लू सूट पहनी एक लड़की भी नाच रही है। डांस में सपना जो-जो स्टेप कर रही हैं, उन्हें वो लड़की बखूबी फॉलो कर रही है। सपना ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- 'फाइनली, उससे मिली जो मेरे साथ डांस स्टेप्स को मैच कर सकती है। मिलिए इंडिया की सबसे बेधड़क लड़की से।' बता दें कि ये वीडियो किसी इवेंट का है। वहीं जो लड़की सपना के साथ नाच रही है, वो उस टीवी शो का हिस्सा है, जिसने ये इवेंट कराया था। सपना ने आगे लिखा- गुड़िया हमारी सभी पर भारी। वीडियो के अंत में सपना गुड़िया को गले लगाते दिख रही हैं।
बचपन से ही सपना ने किया स्ट्रगल...
दिल्ली से सटे हरियाणा के कस्बा नजफगढ़ में परिवार के साथ रह रही सपना का 25 सितंबर 1990 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। शुरुआती शिक्षा रोहतक से की। पिता रोहतक में एक निजी कंपनी में काम करते थे। जब पिता का निधन हुआ तो सपना की उम्र सिर्फ 12 साल थी। इसके बाद मां नीलम चौधरी, भाई करण और बहनों की जिम्मेदारी सपना के कंधों पर आ गई। इसके चलते सपना 12वीं से आगे नहीं पढ़ पाई, लेकिन सिंगिंग और डांसिंग को अपना करियर बना इसी के दम पर अपने पूरे परिवार को चलाया। बड़ी बहन की शादी भी सपना ने अपने दम पर ही की थी।
पहले प्रोग्राम में सपना को नहीं मिला था एक भी रुपया...
एक इंटरव्यू में सपना ने खुद ही बताया था कि उनका पहला प्रोग्राम 10 दिसंबर 2012 को जब कैथल जिले के पुंडरी में हुआ तो उनको बदले में कुछ नहीं मिला था। अगले प्रोग्राम में 3100 रुपए मिले थे। सपना आज एक प्रोग्राम के लाखों रुपए लेती हैं, लेकिन सच्चाई यह भी है कि उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है। तैयारी व कार्यक्रमों से समय नहीं मिलता, इसलिए भोजन व नींद गाड़ी में ही लेनी पड़ती है।