सार

यह तस्वीर देश की स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत दिखाती हैं। इस पॉलिथीन में  2 साल की मासूम बच्ची की लाश लिपटी है। उसे सांप ने काटा था, जिससे मौत हो गई थी। बच्ची की लाश को घर तक ले जाने के लिए अस्पताल के पास कोई वाहन उपलब्ध नहीं था। लिहाजा, पोस्टमार्टम के बाद अस्पताल प्रबंधन ने लाश को पॉलिथीन में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया।

जांजगीर, छत्तीसगढ़. जब शहरों के अस्पताल में सुविधाओं का अभाव है, तो ग्रामीण अंचलों की हालत का अंदाजा खुद लगाया जा सकता है। यह तस्वीर जांजगीर की है, जो देश की स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत दिखाती हैं। इस पॉलिथीन में कोई चीज नहीं, 2 साल की मासूम बच्ची की लाश लिपटी है। उसे सांप ने काटा था, जिससे मौत हो गई थी। बच्ची की लाश को घर तक ले जाने के लिए अस्पताल के पास कोई वाहन उपलब्ध नहीं था। इसलिए परिजनों को उसे बाइक पर यूं रखकर ले जाना पड़ा।


परिजनों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था
2 साल की शीतल गोंड पुत्री गोपाल प्रसाद जिला मुख्यालय से सटे बनारी के सबरिया गांव की रहने वाली थी। वो शुक्रवार को घर के बाहर खेल रही थी, तभी उसे सांप ने डस लिया था। यह अलग बात कि परिजन उसे समय पर अस्पताल न ले जाकर झाड़-फूंक कराने ले गए। जब वहां से निराशा हाथ लगी, तब कहीं जाकर जिला अस्पताल भागे। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। बच्ची के शरीर में जहर फैल चुका था। इसलिए उसे बचाया नहीं जा सका।

बच्ची का पोस्टमार्टम करके अस्पताल ने उसका शव पॉलिथीन में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया। लॉकडाउन के चलते उन्हें वाहन नहीं मिल सका।