सार

राजस्थान की स्पेशल विंग में लगी एडिशनल एसपी महिला अफसर  दिव्या मित्तल को  जयपुर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने हिरासत में ले लिया है। उन पर  2 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाय है। दिव्या ने उदयपुर में एक रिसोर्ट में  हरिद्वार के कंपनी मालिक को बुलाया था, जहां रिश्वत की डील हुई थी।

जयपुर. राजस्थान पुलिस की एक विशेष विंग है जिसे एसओजी और एटीएस के नाम से जाना जाता है।  इस विंग में लगे हुए अफसर अपराध के विशेष केस देखते  हैं । इसी कारण विंग का नाम स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और एंटी टेररिस्ट स्क्वायड है।  स्पेशल विंग में लगी हुई महिला अफसर जो अजमेर में एडिशनल एसपी है और एसओजी में लगी हुई है इस महिला अफसर का नाम दिव्या मित्तल है और यही अफसर 2 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के मामले में जयपुर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के द्वारा हिरासत मिली गई है । आज शाम उन्हें जयपुर लाया जा रहा है और जयपुर लाकर  पूछताछ की जाएगी। 

हरिद्वार की कंपनी के मालिक को गलत तरीके से फसाने की तैयारी थी
 इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अफसर दिनेश एम एन ने बताया कि हरिद्वार में मेडिकल का कारोबार करने वाली कंपनी के मालिक ने एसीबी से संपर्क किया था।  उनका कहना था कि दिव्या मित्तल नाम की एक महिला अफसर ने उन्हें उदयपुर बुलाया था।  उदयपुर में एक रिसोर्ट में दिव्या मित्तल ने हरिद्वार के कंपनी मालिक को बुलाया था , बताया जा रहा है कि यह रिसोर्ट भी दिव्या मित्तल का ही है ।

2 करोड रुपए की रिश्वत के मामले में महिला पुलिस अफसर पकड़ी गई 
दिव्या मित्तल ने अपने एक साथी पुलिसकर्मी की मदद से कंपनी के मालिक को डराया धमकाया और कहा कि उसके खिलाफ अजमेर में केस दर्ज है।  ऐसे में उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा । कंपनी मालिक ने जब पूछा कि किस आरोप में उसे गिरफ्तार किया जा रहा है तो दिव्या मित्तल का कहना था कि वह गलत दवाई बनाता है।  ऐसे में जब उसने गिरफ्तार नहीं करने की गुहार लगाई तो दिव्या मित्तल ने 2 करोड रुपए मांगे । इतना पैसा नहीं होने की बात कही तो कंपनी मालिक से ₹10000000 में सौदा तय करने की कोशिश की गई । लेकिन इतना पैसा देना भी उसके बस में नहीं था ऐसे में ₹5000000 में सौदा तय किया गया।

महिला अफसर ने एकदम फिल्मी तरीके का बनाया था प्लान
 उसके बाद दिव्या मित्तल ने कहा कि मेरा आदमी तुम्हें फोन करेगा और पैसा ले जाएगा।  इस पूरे घटनाक्रम के बारे में 4 जनवरी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सूचना दी गई थी।  इस सूचना के बाद जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एडिशनल अफसर बजरंग सिंह ने पूरे मामले में जांच पड़ताल की और 12 जनवरी को पैसा देने की बात तय की गई।  हरिद्वार के कारोबारी को अजमेर रोड पर पहली किस्त में 2500000 रुपए और दूसरी किस्त में 2500000 रुपए देने की बात कही गई । कारोबारी अपने साथ 2500000 रुपए लेकर आया । इससे पहले एसीबी वहां तैयार थी । 

 एसीबी ने महिला अफसर को हिरासत में ले लिया 
लेकिन रिश्वत लेने आने वाले पुलिसकर्मी को उसका पता चल गया और उसने रिश्वत नहीं ली वह सीधा रवाना हो गया।  एसीबी के अधिकारियों ने कहा कि संभवत है उस पुलिसकर्मियों को एसीबी के होने की भनक लग गई थी । बाद में जांच पड़ताल करने पर जब मामला सही पाया गया तो महिला अफसर के खिलाफ एसीबी ने केस दर्ज कर लिया और आज महिला अफसर को हिरासत में ले लिया गया है । उसे अजमेर में जयपुर रोड पर स्थित उसके अपार्टमेंट से हिरासत में लिया गया है और अब जयपुर लाया जा रहा है।  इस पूरे मामले में दिव्या मित्तल का साथ देने वाला एक बर्खास्त सिपाही है जो राजस्थान पुलिस में ही कार्यरत था।  उसको भी तलाश किया जा रहा है । उधर इस पूरे घटनाक्रम के मामले में दिव्या मित्तल ने पुलिसकर्मियों पर फंसाने का आरोप लगाया है । उल्लेखनीय है कि दिव्या ने जयपुर और अजमेर में करीब डेढ़ साल के दौरान ₹160000000 की दवाइयां पकड़ी है।  जो प्रतिबंधित हैं। वह एसओजी की काबिल अक्सर कही जाती है।