सार

छत्तीसगढ़ में एक अधिकारी ने छात्रों के लिए एक फरमान सुनाया है। उन्होंने अपने नोटिस में लिखा है, हॉस्टल में  किसी भी देवी-देवता की मूर्ति स्थापित न की जाए और न ही उनकी पूजा की जाए। अगर इसके बाद भी कोई ऐसा करता है तो छात्रावास के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
 

राजनंदगाव (छत्तीसगढ़). देवी-देवताओं की पूजा लोग हर जगह करते हैं। चाहे वह दुकान और या ऑफिस हर स्थान ईश्वर को पूजा जाता है। लेकिन छत्तीसगढ़ में एक अधिकारी ने छात्रों के  लिए ऐसा फरमान सुनाया है कि जिसको लेकर प्रदेश के राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा में धर्म की राजनीति शुरू हो गई है।

आदेश नहीं माना तो होगी सख्त कार्रवाई 
राजनांदगांव जिले के मानपुर विकासखंड शिक्षा अधिकारी एक छात्रों के लिए एक आधिकारिक नोटस जारी करते हुए-कहा है कि हॉस्टल में  किसी भी देवी-देवता की मूर्ति स्थापित न की जाए और न ही उनकी पूजा की जाए। अगर इसके बाद भी कोई ऐसा करता है तो छात्रावास के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

यहां संविधान के खिलाफ है पूजा
दरअसल, कुछ दिन पहले राज्य के एक ब्लॉक अध्यक्ष सुरजू टेकाम से इससे जुड़ी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की थी। जिसमें कहा गया था कि हॉस्टल एक सरकारी संस्था है। वहां रहने वाले बच्चे देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हैं। जो कि संविधान के अनुच्छेद 28 का उल्लंघन है।