सार

छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला है। यह दूसरा मामला है, जब इस प्रजाति के सांप को यहां देखा गया। इसे मालाबार पिट वाइपर कहते हैं। यह एक जहरीला सांप है। यह शिकार के वक्त या किसी आशंका को देखते हुए हमला करता है। दरअसल, लेमरू वन परिक्षेत्र में एक टीम रिसर्च कर रही है। यह सांप इसी दौरान सामने आया।

कोरबा, छत्तीसगढ़. छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला है। यह दूसरा मामला है, जब इस प्रजाति के सांप को यहां देखा गया। इसे मालाबार पिट वाइपर कहते हैं। यह एक जहरीला सांप है। यह शिकार के वक्त या किसी आशंका को देखते हुए हमला करता है। दरअसल, लेमरू वन परिक्षेत्र में एक टीम रिसर्च कर रही है। यह सांप इसी दौरान सामने आया। इसकी जानकारी वन मंडल के डीएफओ गुरुनाथन एन ने दी। 


छत्तीसगढ़ में जैवविविधता प्रचुरता में है। यहां वन्यजीवन में नित नई प्रजातियां सामने आती रही हैं। यहां केसला में बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किया जा रहा है। इस बीच छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा और रेप्टाइल केयर एंड रेस्क्यू सोसाइटी व वन विभाग के वन रक्षक दल के संयुक्त सर्वेक्षण के दौरान लेमरू वन परिक्षेत्र में मालाबार पिट वाइपर जैसा दुर्लभ सांप मिला है। सर्वेक्षण टीम में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के उपाध्यक्ष दिनेश कुमार वेदव्रत, कमला नेहरू कॉलेज की विभागाध्यक्ष प्रो. निधि सिंह व रेप्टाइल केयर एंड रेस्कू सोसाइटी के अध्यक्ष अविनाश यादव प्रकश तेंदुलकर शामिल थे।

जानिए क्या है मालाबार पिट वाइपर...
यह सांप हरे और भूरे दो रंगों में पाया जाता है। कोरबा में हरे रंग वाला मालाबार पिट वाइपर मिला है। संभावना जताई जा रही है कि यहां इस प्रजाति के और भी सांप होंगे। इस सांप को रॉक वाइपर के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो यह सुस्त सांप है, लेकिन शिकार के समय या किसी खतरे की आशंका के वक्त आक्रामक हो जाता है। यह एक विषैला सांप है। आमतौर पर यह दक्षिण-पश्चिमी भारत में मिलता है। इसका निवास चट्टानों की दरारें होती हैं। यह छिपकली, पक्षी, मेंढक आदि का शिकार करता है। इसकी मादा 4-5 सपोलों को जन्म देती है।