सार
यह कोरोना वायरस और लॉकडाउन एक मजदूर परिवार के लिए खुशियां लेकर आया है, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। जहां एक मां-बाप को उनका 10 साल से लापता बेटा वापस मिल गया।
जगदरलपुर (छत्तीसगढ़). कोरोना वायरस ने जहां एक तरफ पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। जिसकी बदौलत लाखों परिवार की खुशियां छिन गईं। वहीं यह महामारी एक मजदूर परिवार के लिए इस तरह खुशियां लेकर आया है जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। जहां एक मां-बाप को उनका 10 साल से लापता बेटा वापस मिल गया है।
10 साल बाद अपनों से मिला युवक
दरअसल, हैरान कर देने वाला यह मामला बस्तर जिले में एक क्वारंटाइन सेंटर में देखने को मिला। जहां एक गर्ल्स कॉलेज की हॉस्टल में बने एक युवक को क्वारेंटाइन किया गया था। जब प्रशासन ने क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को उनके घर भिजने लगा तो पता चला कि इस युवक का यहां कोई घर ही नहीं। जब मामले की जांच की गई थी पता चला कि वह तमिलनाडु का रहने वाला है। जो 10 साल से अपने घर से गायब है।
बेटे के लौटने की उम्मीद खो चुके थे माता-पिता
बस्तर जिले के अधिकारियों ने जब तिरूवनामलई जिले के अफसरों से युवक की फोटो दिखाकर उसके बारे में पता करवाया तो पता चला कि वह चैय्यार तहसील के एचुर गांव का रहने वाला है और उसका नाम शिवप्रकाश है। परिजनों ने कहा हमने बेटे को बहुत तलाशा लेकिन जब वह कहीं नहीं मिला तो हमने उसके वापस आने आशा ही छोड़ दी थी। लेकिन, इस कोरोना ने हमारे बच्चे को मिला दिया। इसके बाद प्रशासन ने युवक को तमिलनाडु भेज दिया।