सार

कोरोना संक्रमण ने रिश्तों में भी कड़वाहट ला दी है। लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए लोग अपने ही परिवारों से दूरियां बनाने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर से सामने आया है। यहां पुणे में नौकरी करने वाला एक युवक होली पर घर आया था। लेकिन लॉकडाउन के कारण वो वापस नहीं जा सका। उसके ऊपर सारे घर का खर्चा आने से वो बौखला गया और मां से झगड़ पड़ा।

जांजगीर, छत्तीसगढ़. लॉकडाउन में फंसे लोगों में अवसाद की स्थिति बनने लगी है। कह सकते हैं कि कोरोना संक्रमण ने रिश्तों में भी कड़वाहट ला दी है। लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए लोग अपने ही परिवारों से दूरियां बनाने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर से सामने आया है। यहां पुणे में नौकरी करने वाला एक युवक होली पर घर आया था। लेकिन लॉकडाउन के कारण वो वापस नहीं जा सका। उसके ऊपर सारे घर का खर्चा आने से वो बौखला गया और मां से झगड़ पड़ा। झगड़ा इतना बड़ा कि पूरे परिवार से जहर खा लिया। गनीमत रही कि डॉक्टरों ने सबकी जान बचा ली।

बेटा अलग होना चाहता था..
मामला जांजगीर जिले के गांव फरहदा के वार्ड-6 का है। यहां एक ही परिवार के 5 लोगों ने मामूली झगड़े के बाद फिनाइल पी लिया था। इसमें 4 बच्चे शामिल हैं। सभी को उल्टियां होने लगीं और बेहोश हो गए। सभी को गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। समय रहते इलाज मिलने से सबकी जान बच गई। हुआ यूं कि 45 वर्षीय जमुना बाई खाण्डे का बेटा कौशल पुणे में राजमिस्त्री का कामा करता है। वो होली मनाने अपनी पत्नी के साथ घर आया था। इसी दौरान लॉकडाउन के चलते वो वापस नहीं जा सका। कौशल के कंधे पर अपनी मां और 4 भाई-बहनों की जिम्मेदारी भी है। काम छूट जाने से वो परेशान है। उसका मां से इसी बात को लेकर झगड़ा होने लगा था। इसी से दु:खी होकर जमुना बाई ने फिनाइल पी लिया। मां की तबीयत बिगड़ते देखकर उसकी बड़ी बेटी कौशल्या खाण्डे (19), सुशीला खाण्डे (16) , बेटा दिलेश्वर खाण्डे (12), फुलेश्वर खाण्डे (10) ने भी फिनाइल पीकर अपनी जान देने की कोशिश की।

घटना के वक्त बेटा दोस्त के यहां था..
मां से झगड़े के बाद कौशल अपनी पत्नी को लेकर दोस्त के यहां रहने चला गया था। तभी उसे खबर मिली कि मां और उसके भाई-बहनों ने फिनाइल पी लिया है। वो भागकर घर पहुंचा और 108 एम्बुलेंस को कॉल किया।अकलतरा के थाना प्रभारी रविंद्र अनंत ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।