सार


डॉक्टरों और स्टाफ की कमी और बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण लोग बिना डिग्री डिप्लोमा के क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। लोग भी मजबूर होकर इन झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवा रहे हैं।
 


गरियाबंद (छत्तीसगढ़). गांव व कस्बों की आबादी झोलाछाप डॉक्टरों संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। वह बिना डिग्री डिप्लोमा के क्लिनिक चला रहे हैं। लोग भी डॉक्टरों की कमी के चलते उसने इलाज कराने को मजबूर हैं। ऐसा एक हैरान कर देने वाला मामला छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सामने आया हैं। जहां एक  B.A पास छात्र मरीजों का इलाज कर रहा था।

डॉक्टरों से फोन पर बात करके करता था इलाज
दरअसल, जिले में कलेक्टर के निर्देश पर अफसरो की एक स्पेशल टीम ने कुछ क्लिनिकों की लिस्ट बनाकर बुधवार को छापा मारा था। उस दौरान एक ऐसा युवक मिला जिसने न तो डॉक्टरी की पढ़ाई की थी और नही उसको किसी अस्पताल का अनुभव था। वो रायपुर के कुछ डॉक्टरों से फोन पर बात करके मरीजों का इलाज करता था। अगर ज्यादा हालत बेकार हो जाए तो वह उनको बड़े अस्पताल में रेफर कर देता था। प्रशासन ने 5 ऐसे क्लीनिकों को सील किया जो नियम विरुद्ध संचालित हो रहे थे।

B.A पास युवक ने बना रखा 10 बेड का एक अस्पताल
आरोपी को पास अस्पताल का कोई पंजीयन नहीं था फिर भी उसने अपना 10 बेड का एक छोटा क्लिनिक बना रखा था। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसको सील कर दिया है। तहसीलदार कुसुम प्रधान ने कहा- कि अवैध रूप से क्लीनिक संचालित कर लोगों की जान से खिलवाड़ करने वालों पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई करेगा।