सार

किशोर एंड्रीक नक्सलियों से लोहा लेते समय अपने भाई को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की। बता दें कि शनिवार को जिस वक्त किशोर नक्सलियों से लोहा ले रहे थे, उसी समय उनके भाई हेमंत एंड्रीक भी नक्सलियों से लड़ रहे थे।

बीजापुर  (Chhattisgarh) । छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर नक्सलियों से 3 अप्रैल को हुए मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए, जबकि 31 घायलों का इलाज चल रहा है। शहीद जवानों में से एक जवान  किशोर एंड्रीक ऐसा भी था जिसकी कहानी आपको भावुक होने पर मजबूर कर देगी। जिसके बारे में हम आपको बता रहे हैं। 

दोनों भाई संभाल रहे थे मोर्चा
किशोर एंड्रीक नक्सलियों से लोहा लेते समय अपने भाई को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की। बता दें कि शनिवार को जिस वक्त किशोर नक्सलियों से लोहा ले रहे थे, उसी समय उनके भाई हेमंत एंड्रीक भी नक्सलियों से लड़ रहे थे।

4 माह की गर्भवती है पत्नी
किशोर एंड्रीक बीजापुर के चेरपाल ग्राम पंचायत के रहने वाले थे। किशोर ने साल 2002 में रिंकी से शादी की थी, लेकिन अब तक दोनों को कोई संतान नहीं हुई थी। हालांकि, अब किशोर की पत्नी 4 माह की गर्भवती थीं। रविवार को किशोर का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग उमड़े। किशोर को मुखाग्नि उनके भाई ने ही दी।