सार

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक ऐसी मार्मिक तस्वीर सामने आई है जिसने साबित कर दिया कि बच्चे के लिए मां हर दुश्वारियों से लड़ सकती है। यहां के मां बेटे की सांसों के लिए मौत से दो-दो हाथ कर रही है। 

रायपुर(Chhattisgarh).  बच्चे के लिए मां ही सब कुछ होती है। मां ही जन्म देने से लेकर उसको पाल-पोष कर बड़ा करने से लेकर उसके हर सुख-दुःख में सहायक होती है। इसीलिए मां को भगवान का दर्जा दिया गया है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक ऐसी मार्मिक तस्वीर सामने आई है जिसने साबित कर दिया कि बच्चे के लिए मां हर दुश्वारियों से लड़ सकती है। यहां के मां बेटे की सांसों के लिए मौत से दो-दो हाथ कर रही है। 

राजधानी रायपुर में एम्स के गेट नंबर एक के सामने एक मां और उसके मासूम बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। तस्वीर में एक मां अपने बच्चे को फुट पंप से आक्सीजन देती हुई नजर आई है। बच्चे के परिजन बताते हैं कि वो फुटपाथ पर ही रहते हैं और जमीन पर सोते हैं और बच्चे को साड़ी से बंधे पालने में सुलाते हैं। उनके बच्चे को ब्रेन ट्यूमर और ब्लड कैंसर है। वे आर्थिक रूप से काफी परेशान है, उनके बच्चे का इलाज एम्स में कराया जा रहा है। सरकार की योजनाओं का थोड़ा लाभ उन्हें जरूर मिलता है, लेकिन इलाज के लिए इतना नाकाफी है। 

मंहगी दवाइयों का बोझ उठाना मुश्किल 
परिजनों के मुताबिक बच्चे का एम्स में इलाज तो होता है, लेकिन बच्चे के लिए जो दवाइयां मिलती है वह काफी महंगी होती है। कई बार उनके पास पैसे भी उपलब्ध नहीं हो पाते। कई दिन तो उन्हे भूखा ही सोना पड़ता है। बच्चे के परिजन चाय नाश्ते का ठेला चलाते हैं, उन्होंने आम जनता, समाज सेवकों, जनप्रतिनिधियों से मदद की अपील की है। अब उनकी मांग पर असर दिखने लगा है। 

सीएम भूपेश बघेल ने बढ़ाया मदद का हाथ 
बच्चे को फुट पम्प से आक्सीजन देते हुए महिला की तस्वीर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संज्ञान लेते हुए मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। इस मासूम बच्चे हर्ष की बीमारी और उसके माता-पिता द्वारा एम्स अस्पताल के बाहर ही चाय का ठेला लगाकर उसे रखने की खबर पर मुख्यमंत्री बघेल ने कलेक्टर डा सर्वेश्वर भुरे को परिवार की हरसंभव मदद करने के निर्देश दिए। इसके बाद कलेक्टर ने सीएमएचओ डा मिथलेश चौधरी और नगर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी को वहां भेजा। दोनों अधिकारियों ने हर्ष के पिता बालकराम डेहरे से पूरे मामले की जानकारी ली और कलेक्टर डॉ भुरे को अवगत कराया। जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने तत्काल हर्ष और उसके माता-पिता को हर सम्भव मदद देने के निर्देश अधिकारियों को दिए।