सार
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 29 जुलाई को हुई एक मुठभेड़ के दौरान एक पुलिसकर्मी की मुलाकात अपनी बहन से हुई जो कि इस इलाके में नक्सली संगठनों के साथ काम कर रही थी। पुलिसकर्मी पहले खुद भी नक्सली संगठन में शामिल,2018 में कर दिया था आत्मसमर्पण।
सुकमा: नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से आए दिनों नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ की खबर आती रहती हैं। लेकिन बीते दिनों एक ऐसी मुठभेड़ हुई जिसकी चर्चा चारों तरफ है। इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी भाई और उसकी नक्सली बहन का आमना-सामना हो गया। दोनों भाई-बहन उस वक्त आमने-सामने आ गए, जब दोनों तरफ से गोलीबारी की जा रही थी। यह किस्सा 29 जुलाई का है, जब छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान वेट्टी रामा एक नक्सल विरोधी ऑपरेशन के लिए सुकमा क्षेत्र गए थे।
2018 में कर दिया था आत्मसमर्पण
बता दें कि, वेट्टी रामा पहले खुद भी नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे। उन्होंने 13 अक्टूबर 2018 को हथियार सहित पुलिस को आत्मसमर्पण कर दिया था और तब से ही वह पुलिस और सीआरपीएफ के साथ नक्सल विरोधी अभियानों में काम कर रहे हैं। रामा ने करीब 23 साल नक्सली संगठन के लिए काम किया था। उन पर पुलिस ने आठ लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया था। वहीं उसकी बहन अब भी नक्सली संगठन के लिए काम कर रही है। दोनों भाई-बहन गगनपल्ली, दांतेवाड़ा के रहने वाले है।
नक्सलियों के साथ रह रही थी बहन
जानकारी के मुताबिक, 29 जुलाई को पुलिस टीम को सुकमा के एक इलाके में नक्सलियों को मौजूद होने की जानकारी मिली। सूचना के बाद शुरू हुए तलाशी अभियान के दौरान ही वेट्टी रामा की मुलाकात अपनी बहन से हुई। वह इस इलाके में नक्सलियों के साथ रह रही थी। नक्सलियों को यहां देखकर पुलिस ने उनके दल पर फायरिंग शुरू कर दी। कुछ दूर से ही रामा ने अपनी बहन को पहचान लिया। कोई कुछ बोल पाता कि उस बीच दोनों ओर से फायरिंग होनी शुरू हो गई और देखते ही देखते बहन आंखों के सामने गायब हो गई। एसएसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि इस अभीयान में रामा की बहन को भागने में सफलता मिल गई, वहीं उसके दो साथियों को सुरक्षाबलों ने मौके पर ही मार गिराया।
बहन से गलत रास्ता छोड़ने की अपील
रामा ने कई बार अपनी बहन को भी नक्सल गतिविधियों का रास्ता छोड़ पुलिस को आत्मसमर्पण करने के लिए चिट्ठी में लिखकर समझाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने एक बार फिर अपनी बहन से इस गलत रास्ते को छोड़कर वापस आने की मांग की है।