सार
आगरा के रहने वाले दीपक चहर के नाम आज भले ही T-20 में सबसे बेहतरीन गेंदबाजी करने का विश्व रिकॉर्ड हो, पर कभी ग्रेग चैपल ने उनको क्रिकेट छोड़ने की सलाह दी थी।
नई दिल्ली. आगरा के रहने वाले दीपक चहर के नाम आज भले ही T-20 में सबसे बेहतरीन गेंदबाजी करने का विश्व रिकॉर्ड हो, पर कभी ग्रेग चैपल ने उनको क्रिकेट छोड़ने की सलाह दी थी। 11 साल पहले 2008 में ग्रेग चैपल राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन अकैडमी के डायरेक्टर थे। उस समय चैपल ने दीपक को रिजेक्ट करते हुए कहा था कि वो कभी क्रिकेटर बन ही नहीं सकते। चैपल ने उनको आखिरी 50 खिलाड़ियों में भी शामिल नहीं किया था।
चैपल की बात सुनकर दीपक को बहुत बुरा लगा था। एक इंटरव्यू में दीपक ने बताया है कि उनके करियर में यह पहली बार था, जब उनका रोने का मन कर रहा था। चैपल ने दीपक से कहा था कि उन्हें नहीं लगता है कि दीपक में बड़े स्तर का क्रिकेट खेलने की क्षमता है। चैपल की बात दीपक के दिल पर लग गई थी। घर जाकर दीपक ने लगातार अच्छी मेहनत की और दो साल के अंदर दीपक राज्स्थान की रणजी टीम का हिस्सा थे।
चेन्नई में खेलकर सीखा ओस से पार पाना
दीपक ने बताया कि चेन्नई के मैदानों पर अक्सर ओस और उमस भरे हालात रहते हैं ऐसे में ओस और पसीने से कैसे निपटना है यह हर खिलाड़ी सीख जाता है। दीपक कई बार अपने हाथों को सूखा रखने के लिए सूखी मिट्टी लगाते हैं और फिर गेंद डालते हैं। चेन्नई के लिए खेलते हुए दीपक ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कई खिलाड़ियों के साथ क्रिकेट खेली और वह अनुभव उनके लिए फायदेमंद रहा।
धोनी ने बनाया डेथ बॉलर
स्विंग के लिए मशहूर दीपक पहले शुरुआती ओवरों में ही गेंदबाजी करते थे और पावर प्ले में ही अपने कोटे के तीन ओवर खत्म कर लेते थे। अगले 5 ओवरों में दीपक का आखिरी ओवर भी हो चुका होता था। दीपक आमतोर पर डेथ ओवरों में गेंदबाजी ही नहीं करते थे। दीपक के डेथ बडलर बनने में धोनी का बड़ा योगदान है। ब्रावो की गैरमौजूदगी में धोनी ने दीपक को बताया कि अब आपको डेथ ओवरों में गेंदबाजी करनी है, मैच के दौरान धोनी अक्सर टिप्स भी देते रहते थे। इसके बाद चाहर ने डेथ ओवरों में भी गेंदबाजी शुरू कर दी और अब चाहर दो बार डेथ ओवरों में ही हैट्रिक ले चुके हैं। उनके पास बाउंसर से लेकर लेग कटर, स्लोअर बाउंसर सभी तरह की गेंदें हैं। आज चाहर जिस मुकाम पर खड़े हैं उसके लिए वो चैपल और धोनी दोनों का शुक्रिया अदा कर रहे होंगे।