सार

यॉर्कशायर की ओर से खेलने वाले अजीम रफीक (Azim Rafiq) ने हाल में ही रंगभेद का मुद्दा उठाया था। उनकी इस पहल के बाद अब कई पूर्व क्रिकेटर भी अपने कड़वे अनुभवों को साझा कर रहे हैं। 

स्पोर्ट्स डेस्क: पूर्व भारतीय लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन (Laxman Sivaramakrishnan) ने रंगभेद (Apartheid) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, "देश में मैंने भी अपने जीवन भर इसका सामना किया। मैंने पूरी जिंदगी रंग को लेकर आलोचना का सामना किया, इसलिए यह अब मुझे परेशान नहीं करता है। दुर्भाग्य से यह हमारे अपने देश में होता है।" शिवरामकृष्णन ने यह सब ट्विटर पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा। 

सोशल मीडिया पर एक यूजन ने लक्ष्मण को टैग करते हुए लिखा था, "ये आलोचनाएं उनको लेकर ठीक नहीं है, क्योंकि उनके जैसे लोग स्पिनरों को बढ़ावा देने की बात करते हैं। जब वह स्पिन की बारीक पहलू और तकनीक को बताते है तो युवा स्पिनर या कोचों के लिए फायदेमंद होता है।" इसी के जवाब में पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने ये बात कही। लक्ष्मण ने भारत के लिए नौ टेस्ट और 16 वनडे मैच खेले थे। खेल से संन्यास के बाद उन्होंने कमेंट्री में हाथ आजमाया। उनकी गिनती भारत के सबसे सफल कमेंटेटरों में होती है। 

भारत में अभिनव मुकुंद ने उठाया था सबसे पहले मुद्दा: 

भारतीय क्रिकेटर अभिनव मुकुंद (Abhinav Mukund) ने सबसे पहले रंगभेद का मुद्दा उठाया हैं। साल 2017 में मुकुंद ने एक लिखा थी जिसमें बताया कि कैसे उन्होंने अपने करियर के दौरान रंगभेद का सामना किया था। तब मुकुंद ने लिखा था, "मैं 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा हूं और मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा हूं जहां भी मैं हूं। उच्चतम स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलना सम्मान की बात है। मैं आज सहानुभूति या ध्यान आकर्षित करने के लिए यह नहीं लिख रहा हूं, लेकिन इस मुद्दे पर लोगों की मानसिकता को बदलने का प्रयास कर रहा हूं। मैं 15 साल की उम्र से देश-दुनिया में यात्रा कर रहा हूं। मेरी छोटी उम्र से ही लोगों के लिए मेरा रंग रहस्य बना रहा।"

मुकुंद ने आगे लिखा, "जो भी क्रिकेट का अनुसरण करता है वह इसे जरूर समझेगा। मैं धूप में कड़ी मेहनत करता था। मुझे एक बार भी इस बात पर कोई भी पछतावा नहीं हुआ है कि इस दौरान, मेरा रंग अलग हो गया और जैसा भी है मुझे पसंद है। मैं चेन्नई से आता हूं जो शायद देश के सबसे गर्म स्थानों में से एक है और मैंने खुशी-खुशी अपना अधिकांश जीवन क्रिकेट के मैदान में बिताया है।"

हाल ही में फिर उठा रंगभेद का मुद्दा: 

हाल ही में क्रिकेट में फिर से रंगभेद का मुद्दा उठा है। इंग्लिश काउंटी क्रिकेट खेलने वाले अजीम रफीक ने कथित तौर पर एलेक्स हेल्स और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन पर नस्लीय आरोप लगाए थे। रफीक के इस खुलासे के बाद एलेक्स हेल्स ने सार्वजनिक रूप से उनसे माफी मांग ली है। माइकल वॉन ने केवल इतना कहा है कि वे इस बात से दुखी हैं कि रफीक को इतना कुछ झेलना पड़ा। अजीम रफीक इंग्लिश काउंटी टीम यॉर्कशायर की ओर से खेलते थे। 

क्या होता है रंगभेद: 

रंगभेद का शाब्दिक अर्थ है 'रंगों में भेद यानी अंतर करना।' गोरे और काले रंग के आधार पर वे लोगों को बांटना, इसी को रंगभेद कहा जाता था।

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