सार
शोएब अख्तर ने अपने बयान में फिक्सिंग का जिक्र करते हुए कहा था कि मैं फिक्सरों से घिरा हुआ था। अब उनके साथी खिलाड़ी मोहम्मद हफीज ने भी फिक्सिंग पर बात करते हुए कहा कि मैं फिक्सरों के साथ मैच खेलता रहा, जबकि यह गलत था।
नई दिल्ली. पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने हमैशा ही मैच फिक्सिंग के खिलाफ खुलकर बात की है। खासकर 2010 में पाक टीम के कई खिलाड़ियों पर फिक्सिंग के कारण बैन लगा था और इसके बाद से टीम के सभी खिलाड़ियों ने फिक्सिंग का विरोध किया है। कुछ दिन पहले ही शोएब अख्तर ने अपने बयान में फिक्सिंग का जिक्र करते हुए कहा था कि मैं फिक्सरों से घिरा हुआ था। अब उनके साथी खिलाड़ी मोहम्मद हफीज ने भी फिक्सिंग पर बात करते हुए कहा कि मैं फिक्सरों के साथ मैच खेलता रहा, जबकि यह गलत था। हफीज ने सभी खिलाड़ियों की आलोचना करते हुए कहा कि फिक्सिंग गलत है चाहे वह किसी भी स्तर पर क्यों न की गई हो।
साल 2010 में पाकिस्तान के तीन खिलाड़ियों के फिक्सिंग में फसने पर खासा बवाल हुआ था। पूरा क्रिकेट जगत इस घटना से हिल गया था। पाकिस्तान के मोहम्मद आमिर, सलमान बट्ट और मोहम्मद आसिफ पर फिक्सिंग के आरोप साबित हुए थे और ICC ने इन खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया था। इसके बाद पाकिस्तान के सर्जील खान भी पाकिस्तान सुपर लीग में स्पॉट फिक्सिंग के आरोपी पाए गए थे। मोहम्मद आमिर ने बैन के बाद शानदार वापसी की और मौजूदा राष्टीय टीम में अपनी जगह बनाने में कामयाब हैं। बाकी खिलाड़ियों ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है और जल्द क्रिकेट के मैदान पर किसी न किसी भूमिका पर दिखेंगे। हफीज के मुताबिक फिक्सरों के साथ यह व्यवहार सही नहीं है।
मैं फिक्सरों के साथ खेलने के लिए मजबूर था- हफीज
मोहम्मद हफीज ने अच्छी परवरिश के लिए अपने माता-पिता का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मेरे हिसाब से उन खिलाड़ियों की दिनचर्या इसके लिए जिम्मेदार थी। हफीज ने कहा कि मैं इन चीजों के लेकर हमेशा सतर्क रहा और कभी भी खुद का इस्तेमाल नहीं होने दिया। शोएब मलिक ने पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के यू ट्यूब चैनल पर बोलते हुए कहा "मैं अपने माता-पिता को परवरिश के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा, क्योंकि उन्होंने मेरे लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं जिससे मुझे बाद में मेरे जीवन में मदद मिली क्योंकि जब आपको पेशेवर जीवन में सफलता मिलती है, तो आपके आस-पास ऐसी चीजें होती हैं जो सही नहीं हैं। मैं हमेशा सावधान रहा और कभी भी खुद को विवाद का विषय नहीं बनाया। जिन खिलाड़ियों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया था, उनकी जीवनशैली बड़ा विषय थी।"
हफीज ने आगे बोलते हुए कहा कि जब उन्होंने इन मैच फिक्सरों के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की तो उन्हें साफ कहा गया कि या तो इन्हीं खिलाड़ियों के साथ खेलो या फिर टीम छोड़ दो। हफीज के पास इन लोगों के साथ खेलने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था। यह सब कुछ गलत था, पर हफीज इस पर कुछ कर भी नहीं सकते थे। मोहम्मद हफीज ने स्वीकार किया कि फिक्सरों के साथ खेलना गलत था, पर वो अपनी सकारात्मक ऊर्जा बर्बाद नहीं करना चाहते थे इसलिए वो पाकिस्तान के लिए खेलते रहे।