सार

हरभजन ने कहा कि विराट किसी भी खिलाड़ी को IPL का कॉन्ट्रैक्ट नहीं देते। इसके साथ ही उन्होंने क्लार्क उन खिलाड़ियों का नाम भी पूछा जो कोहली से डरे हुए थे। भज्जी ने आगे कहा कि हर टीम को अधिकार होता है कि वो चाहे जिस खिलाड़ी को खरीद सकती है। कोहली के साथ दोस्ती का इससे लेना देना नहीं है। 

नई दिल्ली. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क के IPL वाले बयान पर हरभजन सिंह ने उन्हें करारा जवाब दिया है। भज्जी ने कहा कि कोहली IPL का कॉन्ट्रैक्ट नहीं देते, इसलिए कोई खिलाड़ी उनकी चापलूसी क्यों करेगा। दरअसल माइकल क्लार्क ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कंगारू खिलाड़ियों ने उन्हें आउट करने के लिए आक्रामकता नहीं दिखाई थी वो कोहली के साथ अच्छे संबंध चाहते थे ताकि IPL में उन्हें इसका फायदा मिल सके और उन्हें ज्यादा कीमत में खरीदा जाए। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की कई खिलाड़ियों ने अपना बचाव किया था। अब हरभजन भी इन खिलाड़ियों के समर्थन में उतर आए हैं। 

हरभजन ने कहा कि विराट किसी भी खिलाड़ी को IPL का कॉन्ट्रैक्ट नहीं देते। इसके साथ ही उन्होंने क्लार्क उन खिलाड़ियों का नाम भी पूछा जो कोहली से डरे हुए थे। भज्जी ने आगे कहा कि हर टीम को अधिकार होता है कि वो चाहे जिस खिलाड़ी को खरीद सकती है। कोहली के साथ दोस्ती का इससे लेना देना नहीं है। खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर चुना जाता है। यदि आप अच्छा खेल रहे हैं तो कोई आपको नहीं रोक सकता। स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर को किसने रोका है। 

कोहली को शांत रखने के लिए ऐसा किया- पेन 
क्लार्क के बयान पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने कहा था कि उन्हें नहीं लगा कि किसी गेंदबाज ने कोहली को आसान गेंदे खिलाने की कोशिश की। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने आक्रामकता में कमी रखी थी क्योंकी छेड़खान करने पर कोहली अपना बेस्ट प्रदर्शन करते हैं। उनको शांत रखने के लिए ही स्लेजिंग नहीं की गई थी। 

टूटा हुआ था टीम का मनोबल- कमिंस 
IPL 2016 के सबसे महंगे खिलाड़ी बनने वाले पैट कमिंस ने भी टीम के बचाव में कहा था कि भारत के खिलाफ सीरीज से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया ने शाउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज खेली थी। इस सीरीज में कंगारू टीम सैंड पेपर विवाद में फंस गई थी और टीम के तीन खिलाड़ी स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर और कैमरून बेनक्राफ्ट पर बॉल टेंपरिंग के आरोप लगे थे। इन खिलाड़ियों पर बैन भी लगाया गया था। इस बात से सभी खिलाड़ियों का मनोबल टूटा हुआ था।