सार

टी20 विश्वकप 2022 की चैंपियन इंग्लैंड की टीम (England Cricket) विश्व विजेता कैसे बनी? क्रिकेट एक्सपर्ट्स इसे डिकोड कर रहे हैं। दरअसल, क्रिकेट चैंपियन (World Champion) बनने के लिए इंग्लैंड ने एक ऐसी चाल चली, जिसे दूसरी टीमें नहीं भांप पाई। 
 

How England Wins T20 WC. जोश बटलर की कप्तानी वाली इंग्लैंड की टीम टी20 की विश्व चैंपियन बन चुकी है। उनकी जीत के कारणों की तलाश की जा रही है। इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक मीम भी खूब वायरल है। जिसमें भारतीय प्लेयर कहता है- हमारे पास दिग्गज बल्लेबाज हैं। पाकिस्तानी खिलाड़ी जवाब देता है- हमारे पास दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज हैं। तब इंग्लैंड का प्लेयर कहता है- हमारे पास दुनिया के टॉप ऑलराउंडर्स हैं। जी हां, यह बात बिल्कुल सही है कि इंग्लैंड की टीम की जीत का मूल मंत्र ही उनके ऑलराउंडर्स हैं। 

11 खिलाड़ी 18 रोल में 
टी20 विश्वकप 2022 ने यह प्रूव कर दिया है कि क्रिकेट का यह सबसे छोटा फॉर्मेट सिर्फ बैटिंग का गेम नहीं बल्कि गेंदबाजी और फील्डिंग का भी उतना ही रोल है। इंग्लैंड की टीम को देखें तो टीम में 1-2 नहीं बल्कि 7 ऑलराउंडर्स हैं जो बैटिंग के साथ बॉलिंग भी शानदार करते हैं। मैन ऑफ टूर्नामेंट सैम करन और फाइनल मुकाबले के हीरो बेन स्टोक्स ऐसे ही ऑलराउंडर हैं जिन्होंने इंग्लैंड की टीम को वह गहराई जिसमें बाकी टीमें डूबती चली गईं। टीम के 11 खिलाड़ियों में से 7 खिलाड़ी ऐसे हैं जो दो-दो काम कर सकते हैं। इस तरह यह टीम 11 खिलाड़ियों के साथ 18 प्लेयर्स की क्षमता के साथ खेलते हैं। यही वह चाल थी जिसने इंग्लैंड को विजेता बनाया। 

पाकिस्तान के 11 खिलाड़ी 15 रोल
पाकिस्तानी टीम सेमीफाइनल तक पहुंची तो उनके खिलाड़ियों का कांबिनेशन कुछ इसी तरह का है। टीम के चार ऑलराउंडर्स ने टीम के लिए शानदार का किया। यानि पाकिस्तान के 11 खिलाड़ी 15 रोल में काम करते हैं। यही वजह थी कि विकेटकीपर रिजवान, इफ्तिखार खान, शादाब खान और मोहम्मद नवाज ने टीम के लिए ऐन वक्त पर काम किया। पाकिस्तान की टीम फाइनल तक पहुंची।

भारतीय टीम के 11 खिलाड़ी 13 रोल
सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली टीम इंडिया की बात करें तो भारतीय टीम में सिर्फ दो हरफनमौला हैं। हार्दिक पंड्या और अक्षर पटेल। हार्दिक पंड्या ने कितना कमाल का रोल प्ले किया, वह पाकिस्तान और सेमीफाइनल मैच को देखकर समझा जा सकता है। भारतीय गेंदबाजों की जब पिटाई होती तो टीम के पास कोई अतिरिक्स बॉलर नहीं था जो उस वक्त गेंदबाजी करके टीम को बचा सके। यही वजह थी टीम इंडिया सिर्फ बैटिंग पर डिपेंड हो गई और रन बने तो हार का सामना करना पड़ा।

गेंदबाजी में नहीं मिला विकल्प
जिस टीम के पास 3 या 4 ऑलराउंडर थे उनके पास गेंदबाजी करने के सिर्फ 5 नहीं बल्कि 8 गेंदबाज होते थे। भारतीय टीम के साथ ऐसा नहीं हो पाया बल्कि यहां तो पांचवें गेंदबाज की भूमिका भी हार्दिक पंड्या ने निभाई। यही वजह रही कि इंग्लैंड के पास हर मैच में 7 से ज्यादा बॉलिंग विकल्प थे, जो उन्हें दूसरी टीमों से अलग करता है।

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