सार
दिल्ली भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह आप सरकार की नाकामी पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से 10 सवाल पूछेंगे और उम्मीद करते हैं कि वह समय से इन सवालों का जवाब भी देंगे।
नई दिल्ली. दिल्ली भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह आप सरकार की नाकामी पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से 10 सवाल पूछेंगे और उम्मीद करते हैं कि वह समय से इन सवालों का जवाब भी देंगे। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि केजरीवाल के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है और इसलिए वह गंदे पानी की आपूर्ति, सड़कों के गड्ढों, प्रदूषण और सार्वजनिक परिवहन की खराब हालत पर लोगों के सवालों से बच रहे हैं। तिवारी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि पिछले पांच साल में उनकी सरकार ने नगर निगमों की बकाया 20,000 करोड़ रुपये की राशि क्यों नहीं जारी की।
उन्होंने कहा, "केजरीवाल के लिए आज का सवाल यह है कि नगर निगमों की बकाया 20,000 करोड़ रुपये की राशि चोरों की तरह क्यों रखी गई थी। इस राशि का इस्तेमाल नगर निकायों के कर्मचारियों के तनख्वाह का भुगतान करने में किया जा सकता था।" तिवारी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली सरकार की नाकामी छिपाने के लिए इन सवालों से बचते नजर आते हैं लेकिन भाजपा उन्हें ऐसा नहीं करने देगी।
तिवारी ने कहा, "जब भी केजरीवाल से दूषित जलापूर्ति, प्रदूषण, खराब सड़कों और खराब परिवहन सुविधाओं के बारे में पूछते हैं तो वे अन्य राज्यों के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं। दिल्ली में कुछ दिनों में चुनाव हैं और लोगों को पता चलना चाहिए कि आप सरकार ने पांच साल में क्या किया।"
भाजपा जीती तो पांच गुना ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी- मनोज तिवारी
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने यह भी वादा किया कि अगर उनकी पार्टी ने चुनाव जीता तो लोगों को पांच गुना अधिक सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा, "हमने पहले ही कहा है कि हमारी सुविधाएं पूरे पांच साल के लिए होंगी आप सरकार की तरह सिर्फ तीन महीने के लिए नहीं।" दक्षिण दिल्ली के भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल नगर निगम के काम के साथ अपनी सरकार के काम की तुलना कर रहे हैं, जबकि हम उनसे उन स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों के बारे में पूछ रहे हैं जिसका उन्होंने वादा किया था और उनकी सरकार ने पांच साल में वो वादे पूरे नहीं किए।
उन्होंने कहा कि ये चुनाव दिल्ली विधानसभा के लिए हैं लेकिन केजरीवाल नगर निगम और अन्य राज्यों के बारे में बात कर वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए आठ फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को मतगणना होगी।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)