सार
पाकिस्तानी नागरिकों को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद पाकिस्तान के इन शरणार्थियों को केजरीवाल से बहुत शिकायत है। इन लोगों ने अपने कैंप में बिजली के लिए गुजरिश किया, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।
नई दिल्ली. विधानसभा चुनाव प्रचार शोर गुरुवार को शाम पांच बजे थम गया है, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून मुद्दा पूरे चुनाव में हावी रहा है। ऐसे में दिल्ली के चुनावी नतीजे आने वाले समय की राजनीतिक दशा दिशा तय करेंगे, इसीलिए राजधानी की नहीं बल्कि देश की नजर है। ऐसे में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी जो फिलहाल दिल्ली में रहे रहे हैं, उन्हें भले ही अभी चुनाव में मतदान का अधिकार न हो, लेकिन दिल्ली की चुनाव पर उनकी पैनी नजर है।
पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी दिल्ली के मजनू का टीला प्रह्लाद नगर, सेक्टर 11 रोहिणी, आदर्श नगर, गोपालापुर और दूसरा सिग्नेचर ब्रिज के करीब झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे हैं। यहां रहने वालों को शरणार्थी को बुनियादी सुविधाओं से महरूम है। शौचालय के लिए जहां उन्हें खुले और सार्वजनिक शौचालय में जाना पड़ता है और बिजली-पानी की भी किल्लत से भी उन्हें जूझना पड़ा रहा है।
नागरकिता संशोधन कानून आने के बाद पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की जिंदगी में उम्मीद की नई किरण जागी है। उन्हें सरकारी सुविधाए मिल सकेंगे। ऐसे में उन्हें दिल्ली चुनाव में किसकी सरकार बनती है इसका इंतेजार है। बीजेपी के प्रवक्ता जफर इस्लाम Asiahindi.net से बातचीत करते हुए कहते हैं कि हमारी सरकार पाकिस्तान से सताए अल्पसंख्यकों को भारत में सम्मान जनक जिदंगी देने के लिए प्रतिबध है।
केजरीवाल को सिर्फ प्रचार से मतलब
जफर इस्लाम ने कहा कि दिल्ली में रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया सरकार ने शुरू कर दी है। दिल्ली में हमारी सरकार बनती है तो निश्चित रूप में हम इन शरणार्थी बस्ती में मूलभूत सुविधाए उपलब्ध कराएंगे। यहां हम स्कूल खोलने से लेकर बिजली-पानी सहित तमाम कदम उठाए जाने हैं, जो पहले से ही हमारे एजेंडे में है। यह काम केजरीवाल सरकार को पहले ही करना चाहिए, लेकिन उन्हें तो सिर्फ प्रचार से मतलब है।
दिल्ली सीएम से शरणार्थियों ने की ये शिकायतें
पाकिस्तानी नागरिकों को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद पाकिस्तान के इन शरणार्थियों को केजरीवाल से बहुत शिकायत है। इन लोगों ने अपने कैंप में बिजली के लिए गुजरिश किया, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।
शरणार्थी कैंप आंगनबाड़ी
दिल्ली सरकार ने इनकी समस्याओं पर बहुत ध्यान तो नहीं दिया लेकिन छोटे छोटे बच्चों के लिए दो साल पहले आंगनबाड़ी शुरू कर दी है। शरणार्थियों के बच्चें अब इन्हीं आंगनबाड़ी में जाकर पढ़ रहे हैं और खाने के लिए पौष्टिक अहार भी मिलता है। शरणार्थियों को लगता है कि दिल्ली में ऐसी सरकार आए जो उनका ख्याल रख सके, इसीलिए चुनाव नतीजों पर उनकी नजर है।