सार
Gujarat Assembly Election 2022: एशियानेट न्यूज और सीफोर की टीम ने गुजरात विधानसभा चुनाव के संबंध में 23 सितंबर 2022 से 10 अक्टूबर 2022 के बीच विभिन्न मुद्दों पर सर्वे किया। यह सर्वे सभी 182 विधानसभा सीट पर किया गया।
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले वोटर्स का मन टटोलने के लिए एशियानेट न्यूज और सीफोर की टीम ने चुनाव पूर्व सर्वेक्षण किया, इसमें जो आंकड़े सामने आए है, उसके मुताबिक भाजपा अब भी वोटर्स की पहली पसंद बनी हुई है। वहीं, कांग्रेस और आप का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं दिख रहा, जितना की ये दोनों पार्टियां दावा कर रही हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है, मगर जल्द ही इसकी घोषणा चुनाव आयोग कर सकता है। तारीख सामने आने के बाद राज्य में आचार संहिता लागू हो जाएगी।
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार 27 साल से सरकार में बनी भाजपा सातवीं बार भी राज्य की सत्ता में वापसी करती दिख रही है, जबकि आम आदमी पार्टी सबसे ज्यादा कांग्रेस और फिर बाकी छोटे दलों के वोट शेयर खाते नजर आ रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो भाजपा 48 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 133 से 143 सीट पर जीत हासिल करती नजर आ रही, जबकि 31 प्रतिशत वोट शेयर के साथ कांग्रेस 28 से 37 सीट पर जीत दर्ज करती दिख रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी 16 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 5 से 14 सीट पर जीत दर्ज रही है और अन्य के खाते में 5 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 1 से 3 सीट जाती दिख रही है। भाजपा को इस बार एक प्रतिशत वोट शेयर, कांग्रेस को 10 प्रतिशत, जबकि अन्य को 5 प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान होता दिख रहा है।
महंगाई, बरोजगारी, भ्रष्टाचार और दूसरे जरूरी मुद्दों पर सवाल
एशियानेट-सीफोर की टीम ने प्री-पोल सर्वे को 23 सितंबर 2022 से 10 अक्टूबर 2022 के बीच किया। कुल 182 विधानसभा सीट पर 1 लाख 82 हजार 557 वोटर्स से विभिन्न मुद्दों पर बात की गई। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगभग एक हजार वोटर्स से बात की गई। बात करने के लिए लोगों को विभिन्न उम्र, शिक्षा और लिंग के आधार पर चयनित किया गया था। उनसे महंगाई, बेरोजगारी, सड़क, ड्रेनज-सीवेज, पीने के पानी, परिवहन व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, कूड़े के निपटान, बाजार और खेती की संभावनाओं और परेशानियों, बिजली, भ्रष्टाचार, कानून और व्यवस्था और कर्ज सुविधा आदि मुद्दों पर भी सवाल किए गए।
लिंग के आधार पर, शिक्षा के आधार पर, उम्र के आधार पर और दलित आदिवासियों में समझिए कि वे किसे सत्ता में देखना चाहते हैं।
- 34 प्रतिशत आदिवासी चाहते हैं कि भाजपा फिर सत्ता में आए।
- 36 प्रतिशत आदिवासी चाहते हैं कि कांग्रेस को मौका मिले।
- 18 प्रतिशत आदिवासी चाहते हैं कि आप को सत्ता में आना चाहिए।
- 13 प्रतिशत दलित चाहते हैं कि भाजपा फिर सत्ता में आए।
- 57 प्रतिशत दलित चाहते हैं कि कांग्रेस को सत्ता में आना चाहिए।
- 26 प्रतिशत दलित चाहते हैं कि इस बार आप को मौका मिलना चाहिए।
- 47 प्रतिशत पुरूष और 49 प्रतिशत महिलाएं चाहती हैं कि भाजपा फिर आए।
- 30 प्रतिशत पुरूष और 32 प्रतिशत महिलाएं चाहती हैं कि कांग्रेस सत्ता में आए।
- 17 प्रतिशत पुरूष और 15 प्रतिशत महिलाएं चाहती हैं कि इस बार आप को मौका मिले।
- 12वीं तक पढ़े 49 प्रतिशत लोग और 47 प्रतिशत वे लोग ग्रेजुएट या इससे अधिक की पढ़ाई किए हुए हैं, चाहते हैं कि भाजपा फिर आए।
- 12वीं तक पढ़े 32 प्रतिशत लोग और 30 प्रतिशत वे लोग ग्रेजुएट या इससे अधिक की पढ़ाई किए हुए हैं, चाहते हैं कि कांग्रेस सत्ता में आए।
- 12वीं तक पढ़े 14 प्रतिशत लोग और 18 प्रतिशत वे लोग ग्रेजुएट या इससे अधिक की पढ़ाई किए हुए हैं, चाहते हैं कि इस बार आप को मौका मिले।
- 18 से 25 साल के 46 प्रतिशत लोग, 26 से 35 साल के 49 प्रतिशत लोग, 36 से 50 साल के 47 प्रतिशत लोग और 50 साल से अधिक उम्र के 50 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि भाजपा फिर आए
- 18 से 25 साल के 29 प्रतिशत लोग, 26 से 35 साल के 30 प्रतिशत लोग, 36 से 50 साल के 32 प्रतिशत लोग और 50 साल से अधिक उम्र के 33 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि कांग्रेस सत्ता में आए।
- 18 से 25 साल के 18 प्रतिशत लोग, 26 से 35 साल के 17 प्रतिशत लोग, 36 से 50 साल के 16 प्रतिशत लोग और 50 साल से अधिक उम्र के 13 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि इस बार आप को मौका मिले।
पिछली बार दो चरण में वोटिंग हुई थी
गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 99 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, कांग्रेस ने 77 सीट पर जीत दर्ज की थी। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को एक सीट और भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2 सीट पर जीत मिली थी। 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी उस चुनाव में जीते थे। पिछले साल गुजरात में दो चरणों में चुनाव हुए थे। पहले चरण के लिए 9 दिसंबर को और दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। पहले चरण में 89 सीट और दूसरे चरण में 93 सीट पर वोटिंग हुई थी। चुनाव में कुल 68.41 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इससे पहले, 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 115 सीट मिली थी, जबकि कांग्रेस को 61 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। भाजपा को उस चुनाव में 47.9 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 38.9 प्रतिशत वोट मिले थे।
भाजपा को 2002 के चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा
गुजरात की सत्ता में भाजपा 1995 से अब तक लगातार है। हालांकि, इससे पहले 1990 में भाजपा भाजपा ने जनता दल के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, मगर 1992 में राम मंदिर आंदोलन के समय यह गठबंधन टूट गया। 2002 के चुनाव में भाजप ने 127 सीटें जीती थीं और यह उसका अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा है। यह चुनाव गुजरात में दंगों के बाद हुआ था। दंगे फरवरी 2002 में हुए थे, जबकि चुनाव दिसंबर 2002 में हुए थे। 2007 के चुनाव में पार्टी ने 117 जबकि 2012 के चुनाव में उसे 115 सीट पर जीत हासिल हुई थी।
कमल के साथ कौन-कौन खड़ा है
भाजपा के साथ बनिया वोट बैंक मजबूती से खड़ा है। 84 प्रतिशत बनिया भाजपा को समर्थन कर रहे। वहीं, ब्राह्मण भी भाजपा के पक्ष में खड़े हैं। 77 प्रतिशत ब्राह्मण भाजपा के साथ हैं। भाजपा के साथ राजपूत भी खड़ा है और करीब 70 प्रतिशत राजपूत पार्टी का समर्थन कर रहे हैं। इसके अलावा, लेउआ पटेल के 45 प्रतिशत लोग भाजपा के साथ हैं और 67 प्रतिशत कडवा पटेल भी भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। पार्टी के समर्थन में 43 प्रतिशत भरवाड, 50 गुर्जर, 48 प्रतिशत ओबीसी, 42 प्रतिशत खरवा-माच्छी, 76 प्रतिशत जैन और 64 प्रतिशत दूसरी सर्वण जातियां हैं। यही नहीं, 38 प्रतिशत कोली, 34 प्रतिशत आदिवासी, 13 प्रतिशत दलित, 50 प्रतिशत रबाड़ी और 37 प्रतिशत ठाकोर-दरबार खड़े हैं।
हाथ के साथ कौन-कौन खड़ा है
कांग्रेस के साथ सबसे अधिक मुस्लिम खड़े हैं और इनकी संख्या 64 प्रतिशत तक है। इसके अलावा, पार्टी के समर्थन में खरवा-माच्छी 37 प्रतिशत, 31 प्रतिशत कोली, 36 प्रतिशत आदिवासी, 57 प्रतिशत दलित, लेउआ पटेल 20 प्रतिशत, कडवा पटेल 9 प्रतिशत, ब्राह्मण 5 प्रतिशत, रबाड़ी 27 प्रतिशत और ठाकोर-दरबार 36 प्रतिशत खड़े हैं। यही नहीं, पार्टी को 12 प्रतिशत राजपूत, 35 प्रतिशत भरवाड, 33 प्रतिशत गुर्जर, 29 प्रतिशत ओबीसी, 9 प्रतिशत जैन, 7 बनिया और दूसरी 16 प्रतिशत सवर्ण जातियां भी समर्थन दे रही हैं।
झाड़ू को किसका समर्थन मिल रहा
आम आदमी पार्टी के साथ 16 प्रतिशत राजपूत, 19 प्रतिशत भरवाड, 15 प्रतिशत गुर्जर, 32 प्रतिशत मुस्लिम, 20 प्रतिशत ओबीसी, 19 प्रतिशत खरवा-माच्छी, 13 प्रतिशत जैन, 8 प्रतिशत बनिया, 17 प्रतिशत दूसरी सवर्ण जातियां खड़ी हैं। इसके अलावा, 33 प्रतिशत लेउआ पटेल, 21 प्रतिशत कडवा पटेल, 17 प्रतिशत ब्राह्मण, 24 प्रतिशत कोली, 18 प्रतिशत आदिवासी, 26 प्रतिशत दलित, 18 प्रतिशत रबाड़ी और 24 प्रतिशत ठाकोर-दरबार भी आप को समर्थन दे रही हैं।
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