सार
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में एशियानेट न्यूज-सीफोर ने 23 सितंबर 2022 से 10 अक्टूबर 2022 के बीच प्री-पोल सर्वे यानी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण किया। इस सर्वे रिपोर्ट में भाजपा सातवीं बार राज्य में सत्ता में आती दिख रही है। लोग भाजपा को अब भी पसंद कर रहे हैं।
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द हो सकता है। माना जा रहा है अगले एक-दो दिन में चुनाव आयोग तारीख की घोषणा कर देगा और इसके बाद राज्य में आचार संहिता लग जाएगी। एशियानेट न्यूज और सीफोर ने मिलकर गुजरात में 23 सितंबर 2022 से 10 अक्टूबर 2022 के बीच चुनाव पूर्व सर्वेक्षण यानी प्री-पोल सर्वे किया। इस सर्वे रिपोर्ट में भाजपा लगातार सातवीं बार राज्य की सत्ता में लौटती दिख रही है।
इस सर्वे के लिए एशियानेट न्यूज-सीफोर की टीम ने राज्य की कुल 182 विधानसभा सीट पर 1 लाख 82 हजार 557 वोटर्स से विभिन्न मुद्दों पर बात की, जिसमें कुछ सवाल इससे भी जुड़े थे कि भाजपा की वापसी की वजह क्या है। क्यों गुजरात की जनता को भाजपा लगातार और बार-बार पसंद आ रही है। राज्य में आज भी 39 प्रतिशत लोगों को औसत रूप से भाजपा पसंद है, जबकि 34 प्रतिशत लोग पार्टी को अच्छा मानते और 9 प्रतिशत लोग तो बहुत अच्छा मानते हैं। सिर्फ 3 प्रतिशत लोग पार्टी को बहुत बुरा और 15 प्रतिशत लोग बुरा बता रहे हैं। आइए प्वाइंटर्स में जानते हैं कि भाजपा को इस बार भी सत्ता की चाबी देने की क्या वजहें हैं।
- राज्य की 82 प्रतिशत जनता को आज भी भाजपा औसत या फिर अच्छी या बहुत अच्छी लगती है, वे दूसरे विकल्प पर नहीं जाना चाहते।
- गुजरात के करीब 39 प्रतिशत लोग केंद्र सरकार के कामकाज को औसत मानते है, 32 प्रतिशत लोग अच्छा मानते हैं और 15 प्रतिशत लोग बहुत अच्छा बता रहे हैं।
- गुजरात के लोग आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि से प्रभावित हैं। उन्हें मोदी की बेदाग और ईमानदार छवि पसंद है।
- प्रधानमंत्री मोदी के काम को राज्य के 35 प्रतिशत लोग औसत बता रहे। 37 प्रतिशत लोग अच्छा बता रहे और 18 प्रतिशत लोग बहुत अच्छा बता रहे। यानी 92 प्रतिशत लोग मोदी के काम से खुश हैं।
- गुजरात के 82 प्रतिशत लोग राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की छवि उनके कामकाज और व्यवहार से खुश और संतुष्ट हैं। 34 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि भाजपा अगर सत्ता में आए तो भूपेंद्र पटेल ही सीएम बनें।
- भूपेंद्र पटेल के अब तक के काम से 46 प्रतिशत संतुष्ट हैं। 27 प्रतिशत लोग इसे अच्छा बता रहे, जबकि 9 प्रतिशत लोग इसे बहुत अच्छा बता रहे हैं।
- राज्य के लोगों का मानना है कि भाजपा सरकार में अच्छा काम हुआ है। विकास कार्यों से वे संतुष्ट हैं।
- गुजरात के लोग मानते हैं कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार पर लगाम कसी गई है। सिर्फ 2 प्रतिशत लोग अब भी भ्रष्टाचार को मुद्दा मान रहे हैं।
- राज्य में लोग मानते हैं कि भाजपा के शासन में कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है। सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों ने माना कि कानून-व्यवस्था अब भी मुद्दा है।
- बिजली और पानी भी गुजरात के लोगों के लिए कोई बड़ी समस्या नहीं रह गई है। सिर्फ 2 प्रतिशत लोग बिजली को और केवल 5 प्रतिशत लोग ही पीने के पानी को मुद्दा मानते हैं।
विभिन्न वर्ग, उम्र, लिंग वाले लोगों को बात करने के लिए चुना गया
इस चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के लिए एशियानेट न्यूज और सीफोर की टीम ने 23 सितंबर 2022 से 10 अक्टूबर 2022 के बीच राज्य की 182 विधानसभा सीट पर 1 लाख 82 हजार 557 वोटर्स से विभिन्न मुद्दों पर बात की। टीम ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से एक हजार लोगों को बात करने के लिए चुना। इनमें भी विभिन्न उम्र, लिंग, वर्ग, जाति और शिक्षा के आधार पर लोग रखे गए। इनसे महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, सड़क, ड्रेनेज-सीवेज, पीने के पानी, कूड़े के निपटान, बाजार, खेती, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, परिवहन आदि मुद्दों पर सवाल किए गए थे।
भाजपा इस बार रिकॉर्ड सीट हासिल करेगी!
गुजरात विधानसभा चुनाव में एशियानेट न्यूज और सीफोर के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में भाजपा लगातार सातवीं बार वापसी करती नजर आ रही है। आम आदमी पार्टी की वजह से कांग्रेस के वोट शेयर में गिरावट दर्ज हो सकती है, जिसकी वजह से वह न सिर्फ सत्ता से दूर होगी बल्कि, उसका विकल्प इस बार तो नहीं, मगर हो सकता है अगले कुछ साल में आम आदमी पार्टी बन जाए। भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही है। भाजपा 48 प्रतिशत वोट शेयर के साथ पहली बार 133 से 143 सीट पर जीत दर्ज करती दिख रही है। वहीं, कांग्रेस को 31 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 28 से 37 सीट जीत मिल रही है। इस बार चुनाव में कांग्रेस को 10 प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान हो रहा है और संभवत: यह नुकसान उसे आम आदमी पार्टी पहुंचाती दिख रही है। हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी को केवल 16 प्रतिशत वोट शेयर का फायदा हो रहा है और वह 5 से 14 सीट हासिल करती दिख रही है। दिल्ली और पंजाब की तरह एक बार में सत्ता पर काबिज होने का उसका ख्वाब शायद गुजरात में पूरा नहीं होगा। अन्य यानी कुछ पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में 1 से 3 सीट आ सकती है। उनका वोट शेयर पांच प्रतिशत रहेगा और उन्हें इस बार पांच प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पिछले चुनाव में दहाई के अंक पर थी भाजपा
भारतीय जनता पार्टी को गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में 99 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस 77 सीट पर जीत हासिल कर पाई थी। शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी को एक सीट और भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2 सीट पर जीत मिली थी। उस चुनाव में 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीते थे। गुजरात में पिछले साल दो चरणों में चुनाव हुए थे। 9 दिसंबर को पहले चरण के लिए और 14 दिसंबर को दूसरे चरण के लिए वोटिंग हुई थी। 89 सीट पर पहले चरण में और दूसरे चरण में 93 सीट पर वोटिंग हुई थी। कुल 68.41 प्रतिशत वोटिंग चुनाव में हुई थी। वहीं, 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 115 सीट जीती थी। कांग्रेस को तब 61 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। 2012 के चुनाव में भाजपा को 47.9 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 38.9 प्रतिशत वोट मिले थे।
भाजपा 2002 में जीती थी सबसे ज्यादा सीट
भाजपा गुजरात की सत्ता में 1995 से लगातार है। इससे पहले 1990 में भाजपा ने जनता दल के साथ मिलकर गठबंधन में सरकार बनाई थी। 1992 में राम मंदिर आंदोलन के समय यह गठबंधन टूट गया। 2002 के चुनाव में भाजप ने 127 सीटें जीतीं। यह पार्टी का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है। गुजरात में दंगों के बाद यह चुनाव हुआ था। फरवरी 2002 में दंगे हुए थे, जबकि चुनाव दिसंबर 2002 में हुए थे। 2007 के चुनाव में पार्टी ने 117 जबकि 2012 के चुनाव में उसे 115 सीट पर जीत हासिल हुई थी।
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