सार
Gujarat Assembly Election 2022: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को अहमदाबाद जिले की दो विधानसभा सीटों, दरियापुर और नरोदा में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं, पाकिस्तान पंगा नहीं लेता।
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कई स्टार प्रचारक मैदान में उतारे हैं। इनमें हर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। इनमें दो मुख्यमंत्रियों के नाम ऐसे हैं, जिनकी इस चुनाव में खूब चर्चा और डिमांड है। ये नाम हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा।
ये हिमंता बिस्वा सरमा ही थे, जिन्होंने गुजरात चुनाव में आफताब की एंट्री कराई। राहुल गांधी के जरिए सद्दाम हुसैन की एंट्री हुई और अब पाकिस्तान की एंट्री भी गुरुवार को हो ही गई। सरमा ने गुरुवार को अहमदाबाद जिले की नरोदा और दरियापुर विधानसभा सीट पर रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से पाकिस्तान को पता चल गया है कि भारत से पंगा नहीं लेना। अगर यहां दो धमाके भी हुए तो पाकिस्तान में 20 बम फटेंगे।
दो चरणों में वोटिंग, रिजल्ट 8 दिसंबर को
गुजरात विधानसभा चुनाव में दोनों चरणों के लिए नामांकन का दौर समाप्त हो चुका है। राज्य में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। वहीं, मतगणना दोनों चरणों की 8 दिसंबर को होगी। पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 14 नवंबर अंतिम तारीख थी। दूसरे चरण के लिए नामाकंन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 17 नवंबर थी। पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए गजट नोटिफिकेशन 5 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए 10 नवंबर को जारी हुआ था। स्क्रूटनी पहले चरण के लिए 15 नवंबर को हुई, जबकि दूसरे चरण के लिए 18 नवंबर की तारीख तय थी। नाम वापसी की अंतिम तारीख पहले चरण के लिए 17 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 21 नवंबर को हुई।
देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरत
यही नहीं, सरमा ने अपने संबोधन में श्रद्धा मर्डर केस का उदाहरण देते हुए कहा कि पूरे देश में लिव इन जिहाद पर कानून लाया जाना चाहिए। आज देश में एक वर्ग है, जिसमें लोगों को आजादी है कि एक से शादी करो, कुछ दिन बाद दूसरे से शादी करो, फिर कुछ दिन बाद तीसरी से शादी करो। अगर आप तलाक देते रहे तो चौथा, पांचवा, छठां, सातवां जितना चाहे शादी करते जाओ। ये किसी देश का कानून हो सकता है क्या? महिलाओं का इतना अपमान हो सकता है क्या? इसलिए आज देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरत। इसे सिर्फ भाजपा ला सकती है।
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