सार

गुजरात विधानसभा के लिए वोटिंग अगले महीने शादियों के मौसम के साथ होगी। वेडिंग प्लानर्स  का मानना है कि जब बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार या रिश्तेदारों की शादियों में शामिल होने की योजना बना रहे होंगे, चुनावी तैयारियां भी चल रही होंगी। इसलिए राजनीति दल मतदान प्रतिशत कम न होने पाए, इसे लेकर मुस्तैद हैंं।

अहमदाबाद. गुजरात विधानसभा चुनाव 2022(gujarat assembly election 2022) के बीच शादियों का सीजन फंसने से राजनीतिक पार्टियों के सामने एक टेंशन खड़ी हो गई है। दो साल कोरोना के चलते शादियों में मेहमानों की संख्या सीमित रही थी, लेकिन अब जितने चाहे, लोग आ सकते हैं। ऐसे में वोटर शादियों में बिजी रहकर वोट डालना न भूल जाएं या इग्नोर कर दें, इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक दल अलर्ट हैं। पार्टियां इस मुद्दे पर भी फोकस कर रही हैं, ताकि मतदान प्रतिशत कम न हो पाए। पढ़िए आखिर दिक्कत क्या है?

मतदान तारीखों में जबर्दस्त शादी सीजन
गुजरात विधानसभा के लिए वोटिंग अगले महीने शादियों के मौसम के साथ होगी। वेडिंग प्लानर्स  का मानना है कि जब बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार या रिश्तेदारों की शादियों में शामिल होने की योजना बना रहे होंगे, चुनावी तैयारियां भी चल रही होंगी। हालांकि, कुछ नेताओं ने कहा कि वे वोट डालने के लिए लोगों को अपनी सामाजिक व्यस्तताओं से कुछ समय निकालने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। विवाह पंडितों के अनुसार, 2, 4, और 8 दिसंबर की तारीखें विवाह के लिए सबसे शुभ रहेंगी। इस दौरान सैकड़ों विवाह समारोहों की योजना बनाई गई है। गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को होंगे और मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।

शादी का मौसम 22 नवंबर से जोर पकड़ेगा और 16 दिसंबर तक कामुरता(kamurta) अवधि आने तक चलेगा। बता दें कि कामुरता को मल मास भी कहते हैं। जब सूर्य धनु या मीन राशि में होता है, तो उसे मल मास कहते हैं, इसे गुजरात में कामुरता कहते हैं। मतलब 22 नवंबर से 16 दिसंबर के दौरान सैकड़ों शादियों की योजना है, जिसमें बड़ी संख्या में 2, 4 और 8 दिसंबर को होंगी। यानी ये शुभ तिथियां हैं। चूंकि Covid​​​​-19 से संबंधित प्रतिबंध जैसे रात के कर्फ्यू और मेहमानों की संख्या पर सीमा हटा दी गई है, इसलिए इस सर्दी के मौसम में शादी के कार्यक्रमों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। यानी शादियों में धूम रहेगी।

जानिए क्या कहते हैं वेडिंग प्लानर्स?
वडोदरा की एक फर्म द शादी प्लानर के आनंद ठकरार ने कहा, "शादियों की जबर्दस्त भीड़ रहने वाली है। इस सीजन में इस तरह के कई कार्यक्रमों की योजना है।" उन्होंने कहा, "जब से COVID-19 प्रतिबंध हटा लिया गया है, शादी के समारोहों में मेहमानों की संख्या भी तेजी से 500-1,000 लोगों तक बढ़ गई है। यह भी पिछले साल की तुलना में एक महत्वपूर्ण अंतर है।"

अहमदाबाद के पुजारी कमलेश त्रिवेदी ने कहा कि शादी की शुभ तारीखें 25 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच हैं। फिर लगभग एक महीने तक चलने वाली कामुरता(kamurta) की अवधि 16 दिसंबर से शुरू होती है। त्रिवेदी ने कहा, "मुहूर्त की तारीखों-28 नवंबर, 29 और 2 दिसंबर, 4 और 8 दिसंबर को बड़ी संख्या में शादियों की योजना है, जो चुनावी कार्यक्रम के आसपास हैं।"

पार्टियों ने भी वोटिंग प्रतिशत कम नहीं होने देने की कसम खाई
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि लोगों ने शादियां तय कर ली हैं और उन्हें चुनाव के लिए टाला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, "लेकिन, हम उन्हें वोट डालने के लिए कुछ समय निकालने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। एक शादी निस्संदेह महत्वपूर्ण है, लेकिन वे लोकतंत्र के इस उत्सव में भाग लेने के लिए कुछ समय निकाल सकते हैं।" दोशी ने दावा किया कि गुजरात के लोगों ने बदलाव के लिए अपना मन बना लिया है और वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए शादियों सहित अपने सामाजिक कार्यों से बाहर निकलने का रास्ता खोज लेंगे।

गुजरात आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता करण बरोट ने कहा, "यह लोगों की जिम्मेदारी है कि वे एक अच्छे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करें, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल का हो।" उन्होंने कहा-"इसलिए लोगों से अपने पसंदीदा स्थानीय नेता को वोट देने का अनुरोध किया जा रहा है। भले ही इसका मतलब अपनी सामाजिक प्रतिबद्धताओं यानी शादी समारोहों से कुछ समय निकालना ही क्यों न हो।"

बरोट ने कहा, "एक राजनीतिक दल के रूप में, हम उनसे अनुरोध करना चाहते हैं कि भले ही उन्हें शादियों या अन्य समारोहों में शामिल होना पड़े, उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अच्छे उम्मीदवारों की जीत हो, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करें।"

बता दें कि गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों में से 89 सीटों पर एक दिसंबर को और 93 सीटों पर 5 दिसंबर को मतदान होगा।

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