सार
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को वोटिंग होगी। इसके पहले गुरुवार शाम से चुनाव प्रचार थम गया है। इसी बीच हिमाचल में मौसम ने भी करवट बदली है और पहाड़ों पर भीषण बर्फबारी हुई है। जनजातीय क्षेत्रों में बर्फबारी ने चुनाव आयोग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
शिमला(Himachal Pradesh). हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को वोटिंग होगी। इसके पहले गुरुवार शाम से चुनाव प्रचार थम गया है। इसी बीच हिमाचल में मौसम ने भी करवट बदली है और पहाड़ों पर भीषण बर्फबारी हुई है। जनजातीय क्षेत्रों में बर्फबारी ने चुनाव आयोग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सबसे ज्यादा समस्या चंबा जिले के भरमौर-पांगी विधानसभा क्षेत्र के तहत उपमंडल पांगी में आई। भारी बर्फ के बीच पोलिंग पार्टियां मतदान केंद्रों तक पहुंची।
बता दें कि गुरुवार शाम को हिमाचल परिवहन निगम की नौ बसों में पोलिंग पार्टियों को उनके निर्धारित स्थानों के लिए रवाना किया गया। इनमें से सात पोलिंग पार्टियों को रिजर्व रखा गया है। पांगी उपमंडल में कुल 36 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिसमें से चस्क भटोरी मतदान केंद्र सबसे अधिक ऊंचाई वाला मतदान केंद्र है। इसकी ऊंचाई करीब 11500 फीट है। इसके अतिरिक्त लुज, माहलियत और रेई संवेदनशील मतदान केंद्रों में शामिल हैं। मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को बर्फ में पैदल लंबी दूरी तय करनी पड़ी।
पोलिंग पार्टियों के मतदान स्थल तक पहुंचाने को खास इंतजाम
पोलिंग पार्टियों को सकुशल मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं। बर्फबारी के कारण कई मतदान केंद्रों तक पोलिंग पार्टियों को पहुंचाने के लिए लोक निर्माण व जल शक्ति विभाग द्वारा पर्याप्त श्रम बल तैनात किया गया। इसके आलावा 76 अतिरिक्त पुलिस बल व 12 राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवान भी तैनात किए गए हैं। प्रशासन ने स्थानीय लोगों की भी मदद ली है। जिससे पोलिंग पार्टियों को उनके मतदान केंद्र तक पहुंचाया जा सके।
हिमाचल में कई स्थानों पर डेढ़ फीट से ज्यादा बर्फबारी
चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र पांगी में मौसम के कड़े तेवरों ने चुनाव आयोग की दिक्कतें बढ़ा दीं हैं। इसके आलावा आम लोगों और चुनाव प्रक्रिया में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों की समस्याएं बढ़ गई हैं। पांगी घाटी में गुरुवार की सुबह तक करीब पांच इंच से डेढ़ फीट तक बर्फबारी हुई। इस कारण मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गए थे, जिसके बाद प्रशासन व राहत बचाव दल के विभिन्न विभागों की कड़ी मेहनत के बाद दोपहर करीब एक बजे तक यातायात बहाल करवा दिया गया। मार्गों के बहाल होते ही सभी पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्रों की ओर रवाना किया गया।
पोलिंग पार्टियों को रनर की मदद
जिन पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ा, उनकी मदद के लिए प्रशासन की ओर से रनर की व्यवस्था की गई। साथ ही ईवीएम को सुरक्षित मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए ईवीएम एवं वीवीपैट बैग भी उपलब्ध करवाए गए। प्रत्येक पोलिंग पार्टी के साथ दो-दो रनर की व्यवस्था की गई है।