सार

दिल्ली में आठ फरवरी को विधानसभा के लिए मतदान होगा। मुख्य मुकाबला अरविंद केजरीवाल की आप, बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। 

नई दिल्ली। हरियाणा और झारखंड में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सहयोगियों की तरफ से भी चुनौती मिली। अब दिख रहा है कि बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन में सत्तारुढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) दिल्ली विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। शिरोमणि अकाली दल और दूसरे दल भी विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस रहे हैं। 

नीतीश कुमार की कैबिनेट मेन मंत्री और पार्टी के सीनियर नेता संजय झा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई/भाषा को बताया कि पार्टी नेतृत्व ने दिल्ली विधानसभा चुनाव पूरे दमख़म से लड़ने का फ़ैसला किया है। झा पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष भी हैं। दिल्ली में आठ फरवरी को विधानसभा के लिए मतदान होगा। मुख्य मुकाबला अरविंद केजरीवाल की आप, बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। 

क्या सभी 70 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव 
जेडीयू नेता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली प्रदेश इकाई के अनुरोध पर राज्य में अपने बलबूते चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है। पार्टी सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी या नहीं अभी इसका फैसला नहीं लिया गया है। दिल्ली में यूपी बिहार के मतदाताओं की अच्छी ख़ासी संख्या है। यहां पार्टी बीजेपी के विधानसभा अभियान को थोड़ा बहुत प्रभावित कर सकती है। 

क्या बीजेपी अकेले लड़ेगी चुनाव?
दिल्ली में बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी या सहयोगी दलों के साथ, इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है। बीजेपी की दो सहयोगी पार्टियों; शिरोमणि अकाली दल (शिओद) और जननायक जनता पार्टी (जजपा) का विधानसभा चुनाव पर असर पड़ सकता है। दिल्ली के सिख मतदाताओं के बीच शिओद जबकि जात मतदाताओं में जजपा का प्रभाव है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में शिओद ने अकेले चुनाव लड़ा था। 

दुष्यंत आ सकते हैं बीजेपी के साथ 
विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले खबरें आ रही थी हरियाणा के डिप्टी सीएम जजपा नेता दुष्यंत चौटाला चुनाव में बीजेपी की मदद कर सकते हैं। पार्टी की उनसे बातचीत चल रही है। मगर अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि मदद किस तरह की होगी। क्या जजपा, बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी या बिना चुनाव लड़े ही अपना समर्थन देगी। दिल्ली में सिख मतदाताओं की भी अच्छी ख़ासी संख्या है। माना जा रहा है कि सिख मतों के बिखराव को रोकने के लिए बीजेपी शिओद को अपने साथ जोड़ सकती है।