सार

जालंधर के निवासी सुरिंदर पाल ने याचिका दायर की है कि आप उम्मीदवार ने नामांकन के वक्त शपथपत्रों में गलत जानकारी दी है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जेएस बेदी ने यह आदेश दिए हैं। 

चंडीगढ़। जालंधर पश्चिम से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार शीतल अंगुराल मुश्किलों में फंस गए हैं। उनके खिलाफ नामांकन के हलफनामे में झूठी जानकारी देने का आरोप लगा है। इस मामले में एक शख्स ने पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट में याचिका दायर की है। हाइकोर्ट ने याचिका को संज्ञान में लिया है और संबंधित अधिकारी को 4 सप्ताह के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बता दें कि शीतल अंगुरल इससे पहले भाजपा नेता थे।

जालंधर के निवासी सुरिंदर पाल ने याचिका दायर की है कि आप उम्मीदवार ने नामांकन के वक्त शपथपत्रों में गलत जानकारी दी है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जेएस बेदी ने यह आदेश दिए हैं। याचिका में सुरिंदर पाल ने बताया है कि शीतल ने 31 जनवरी को दाखिल अपने नामांकन में जानकारी दी कि उन्होंने 2011 में हरियाणा मुक्त विद्यालयी शिक्षा परिषद से मैट्रिक पास की है। यह जानकारी पूरी तरह गलत है। याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में हरियाणा ओपन स्कूल मुख्यालय से जब जानकारी मांगी तो उन्हें बताया गया कि उनके पास इस रोल नंबर का कोई रिकॉर्ड नहीं है। 

यह भी पढ़ें- पंजाब चुनाव: लंबी सीट पर इस बार बगावत के भी सुर, क्या प्रकाश सिंह बादल की मुश्किलें बढ़ाएंगे? जानें समीकरण

9 आपराधिक केस बताए, चल रहे 12, पुलिस ने कार्रवाई नहीं की
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि शीतल ने अपने नामांकन में 9 आपराधिक मामलों का विवरण दिया है, जबकि उनके खिलाफ 12 आपराधिक मामले लंबित हैं। याचिकाकर्ता ने शीतल अंगुरल के खिलाफ नामांकन में झूठे दस्तावेज उपलब्ध कराने और आपराधिक मामलों के बारे में झूठी जानकारी देने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज की, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। इसकी शिकायत रिटर्निंग ऑफिसर से भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए याचिकाकर्ता ने अब इस संबंध में शीतल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और कार्रवाई की मांग की।

यह भी पढ़ें-  पंजाब चुनाव: मोगा में मालविका को कांग्रेस से ज्यादा सोनू सूद का सहारा, वोटर्स में AAP का क्रेज, जानें समीकरण?

रद्द हो सकता है नामांकन पत्र
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे और उसके परिवार को भी आप उम्मीदवार से जान का खतरा है। उसने कोर्ट से खुद और परिवार की सुरक्षा की मांग की है। इधर, कोर्ट के ऑर्डर के बाद आम आदमी पार्टी में हलचल मची हुई है। क्योंकि याचिकाकर्ता अपने आरोपों को लेकर खासा विश्वास में है। यदि यह आरोप सही पाए गए तो शीतल की परेशानी बढ़ सकती है। उनका नामांकन भी रद्​द हो सकता है।

यह भी पढ़ें- पंजाब चुनाव में सबसे बड़ी लड़ाई- सिद्धू Vs मजीठिया: अमृतसर ईस्ट के क्या हैं समीकरण, जानें वोटर्स का भी मूड