सार
दरअसल, 18 साल से सियासत कर रहे नवजोत सिंह सिद्धू को कभी कड़ी टक्कर नहीं मिली, मगर इस बार वोटिंग से 10 दिन पहले तक सिद्धू बुरी तरह फंसे नजर आ रहे हैं। रही-सही कसर आम आदमी पार्टी (AAP) पूरी कर रही है। जानें अमृतसर ईस्ट से ग्राउंड रिपोर्ट में चुनावी हाल....
मनोज ठाकुर, अमृतसर। पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं। सत्ताधारी कांग्रेस के सामने बड़ा संकट है कि वह फिर से राज्य में वापसी करे और सरकार बनाए तो दूसरी तरफ पार्टी प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के सामने उससे भी बड़ी चुनौती है कि वह अपनी घरेलू सीट अमृतसर ईस्ट से चुनाव जीतकर आएं। पंजाब में ये सबसे हॉट सीट बन गई है। वजह साफ है कि सिद्धू का मुकाबला इस बार अकाली दल के दिग्गज नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) से हो रहा है। दोनों के बीच जितनी गहरी सियासी अदावत है, उतनी ही गहरी अब ये चुनावी लड़ाई हो गई है। एक और फैक्ट है कि पॉलिटिकल करियर में दोनों दिग्गज अब तक अजेय रहे हैं। लेकिन, इस बार किसी एक को तो हारना ही होगा। अमृतसर ईस्ट का चुनावी हाल जानने के लिए एशियानेट न्यू्ज हिंदी की टीम स्थानीय लोगों के बीच पहुंची और बातचीत की। पढ़ें ये रिपोर्ट...
तारीख आठ फरवरी। जगह अमृतसर की होली सिटी। यहां नवजोत सिंह सिद्धू की आलीशान कोठी है। कोठी में चार दरवाजे हैं और चारों बंद हैं। सुरक्षाकर्मी से पूछा कि अंदर कैसे जाए? वह साइड की गली में भेज देता है। बड़ा-सा दरवाजा जोर लगाकर धकेलना पड़ता है। अंदर सिद्धू की कोठी की भव्यता नजर आती है। लॉन में स्वीमिंग पूल। पेड़ और पौधों के साथ-साथ पत्थरों की तराशी मूर्तियां यहां-वहां रखी हैं। सामने बड़ा गेट। समर्थकों से ज्यादा सुरक्षाकर्मी। जो कैमरा बाहर निकालने की इजाजत नहीं देते।
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आधा दिन बीता, मगर प्रचार में जाने की बजाय नहाते मिले सिद्धू
बड़े से दरवाजे से होकर सिद्धू की कोठी के अंदर जाते ही सामने डाइनिंग टेबल। साइड में ड्राइंग रूम। यहां 14 समर्थक बैठे हुए हैं। 12 बजे का वक्त है, लेकिन सिद्धू अभी नहा रहे हैं। हम काफी देर इंतजार करते रहे। सिद्धू नीचे नहीं आए। आम तौर पर चुनाव प्रचार में जहां नेता सुबह ही अपने विधानसभा क्षेत्र में निकल जाते हैं, इसके विपरीत सिद्धू आधा दिन बीत जाने के बाद भी प्रचार के लिए तैयार नहीं हुए। समर्थक भी फील्ड में जाने की बजाय चैन से बैठे हैं। जब नेता को जल्दी नहीं तो फिर समर्थक क्यों उतावला हो।
अमृतसर ईस्ट से रिकॉर्ड, 18 साल से सिद्धू या उनकी पत्नी विधायक बनीं
अब यदि समर्थक किसी नेता की लोकप्रियता का पैमाना है तो कम से कम इस पैमाने पर सिद्धू खरे नहीं उतरते। फिर भी सिद्धू निश्चित हैं। हों भी क्यों ना...। आखिर अमृतसर ईस्ट पर उनका एक छत्र राज है। 18 साल से कभी वह तो कभी उनकी पत्नी यहां से विधायक बनती रही हैं। वह भी इसी तरह के लाइफ और पॉलिटिकल स्टाइल से।
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सिद्धू या मजीठिया... या तीसरा भी मार सकता है मैदान
सिद्धू कभी हारे नहीं। लेकिन, हारे तो कभी बिक्रमजीत सिंह मजीठिया भी नहीं। तो यह मान लीजिए, इस बार इन दो राजनीति दिग्गजों में कोई एक तो हर हालत में हार का स्वाद चखने वाला है। वैसे, अगर दोनों भी मतदाता से मात खा जाएं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि जिस तरह से दोनों के बीच कड़ा मुकाबला है, ऐसे में तीसरे की किस्मत खुल भी सकती है। यूं भी अमृतसर ईस्ट पर इस बार आप के प्रति भी मतदाता का अच्छा खासा रुझान देखने को मिल रहा है।
वोटिंग से चंद पहले चुनावी चक्रव्यूह में फंसे
दरअसल, 18 साल से सियासत कर रहे सिद्धू को कभी कड़ी टक्कर नहीं मिली, मगर इस बार वोटिंग से 10 दिन पहले तक सिद्धू बुरी तरह फंसे नजर आ रहे हैं। रही-सही कसर आम आदमी पार्टी (AAP) पूरी कर रही है। AAP कैंडीडेट जीवनजोत कौर बेशक बहुत बड़ा नाम ना हों, मगर लोग झाड़ू को पसंद कर रहे हैं। इनके बीच, BJP ने अकाली दल से अलग होने के बाद अमृतसर ईस्ट सीट पर उपस्थिति दर्ज कराने के मकसद से रिटायर्ड IAS अफसर जगमोहन राजू पर दांव खेला है। यह सभी मिलकर सिद्धू के वोट काट रहे हैं जिससे उनकी परेशानियां बढ़ रही हैं।
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विकल्प बढ़ने से वोटर भी कंफ्यूज
कांग्रेस की परंपरागत सीट समझी जाने वाली अमृतसर ईस्ट का वोटर इस बार यूं तो AAP के गुण गाता है लेकिन कुछ देर साथ बैठकर चर्चा करने पर वह कभी मजीठिया तो कभी BJP की ओर झुकने लगता है। यानी वोटर भी अभी कंफ्यूज है और काफी हद तक यह स्वाभाविक भी है। दरअसल, आज से पहले उसके पास इतने विकल्प कभी रहे ही नहीं। इस बार वह दुविधा में है, किसे छोड़ें और किसे पसंद करें?
क्या कहते हैं वोटर
मेरी दुकान पर रोज कई ग्राहक आते हैं। इनमें से अधिकतर की जुबान पर इस बार आम आदमी पार्टी का नाम हैं। मेरे बच्चे भी ऑस्ट्रेलिया में सैटल हैं। वह भी AAP को सपोर्ट करते हैं और कह रहे हैं कि इस बार वोट उसे ही देना चाहिए। हर कोई इस बार रिवायती पार्टियों से उठकर वोट देना चाहता है। -हरप्रीत सिंह, गुरप्रीत क्लॉथ हाउस के मालिक
वोट डालने से पहले हर कोई सोचता है। AAP ने स्ट्रॉन्ग उम्मीदवार नहीं उतारा। अगर उतारते तो उसके बारे में सोचते। फिलहाल सिद्धू व मजीठिया के बारे में ही सोच रहे हैं। अमृतसर ईस्ट में नशा बड़ी समस्या है। 60% यूथ बाहर जा चुका है। जो 40% यहां है वो नशे में फंस रहा है। यूथ का समय पढ़ाई की जगह नशा करने में जा रहा है। - रोहित शर्मा, ईस्ट
चुनाव की बातें होती रहती हैं लेकिन कोई भी कभी सच नहीं बता रहा। इस इलाके के लोग अभी चुप हैं। सिद्धू अधिक बोलते हैं, लेकिन बोलते सच ही हैं। बिक्रम मजीठिया कहेंगे कुछ और करेंगे कुछ। इसलिए असली सीन तो मतदान से दो-चार दिन पहले ही साफ होगा। - लखबीर सिंह, अमृतसर ईस्ट
सिद्धू के पंजाब मॉडल का क्या कहें, अमृतसर ईस्ट में तो काम ही नहीं हुए। पहले सिद्धू की पत्नी MLA थी और 5 साल से वह विधायक हैं। लोग इस बार बदलाव चाहते हैं। AAP ने कोई स्ट्रॉन्ग कैंडिडेट नहीं उतारा इसलिए इस बार मजीठिया को चुनना चाहेंगे। -कुलजीत सिंह, अमृतसर ईस्ट
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