सार
दरअसल, रविवार को बिक्रम मजीठिया ने अमृतसर में पत्रकारों से बातचीत की और परंपरागत सीट मजीठा छोड़ने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि नामांकन के अभी 2 दिन बचे हैं। सिर्फ अमृतसर ईस्ट से लड़ने की नवजोत सिद्धू की ख्वाहिश पूरी कर देंगे।
अमृतसर। पंजाब विधानसभा चुनाव में अमृतसर ईस्ट सबसे हॉट सीट बन गई है। यहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया खुलकर आमने-सामने हैं। एक दिन पहले सिद्धू ने एक सीट से ही चुनाव लड़ने का चैलेंज दिया तो दूसरे दिन मजीठिया ने खुले मन से स्वीकार लिया और ऐलान कर दिया है कि वे सिर्फ अमृतसर ईस्ट से ही चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही मजीठिया ने भी अब सिद्धू को एक ऑफर दिया और कहा कि वे मजीठा से चुनाव लड़कर दिखाएं। सच सामने आ जाएगा। बता दें कि कांग्रेस ने मजीठा से अभी जगविंदरपाल सिंह जग्गा को टिकट दिया है।
दरअसल, रविवार को बिक्रम मजीठिया ने अमृतसर में पत्रकारों से बातचीत की और परंपरागत सीट मजीठा छोड़ने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि नामांकन के अभी 2 दिन बचे हैं। सिर्फ अमृतसर ईस्ट से लड़ने की नवजोत सिद्धू की ख्वाहिश पूरी कर देंगे। मजीठिया ने यह पलटवार इसलिए किया है क्योंकि सिद्धू ने नामांकन के बाद मजीठिया को चुनौती दी थी कि अगर इतना दम और लोगों पर भरोसा है तो फिर दो सीट से क्यों चुनाव लड़ रहे हो। एक सीट से चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं? एक ही सीट से चुनाव लड़कर दिखाओ। मजीठा छोड़कर सिर्फ अमृतसर ईस्ट से लड़ें।
एशियानेट न्यूज से बिक्रम मजीठिया बोले- अब पार्टी को निर्णय लेना है
इधर, बिक्रम मजीठिया ने भी अब अपनी पार्टी शिअद में बोल दिया कि वह सिर्फ एक सीट अमृतसर ईस्ट से सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। बिक्रम मजीठिया ने Asianet News Hindi से बातचीत में दावा किया कि वह अमृतसर ईस्ट से जीतने जा रहे हैं। क्योंकि लोगों को सिद्धू की असलियत पता चल गई है। सिद्धू ने चैलेंज किया, मैं इसे स्वीकार कर रहा हूं। लेकिन अंतिम निर्णय तो पार्टी को ही लेना है।
मजीठिया को पत्नी को मजीठा से चुनाव लड़ा सकते हैं
मजीठिया के एक जगह से चुनाव लड़ने की संभावना इसलिए भी जोर पकड़ रही है, क्योंकि मजीठा से उन्होंने अपनी पत्नी गनीव कौर को कवरिंग उम्मीदवार बनाया है। इस तरह से मजीठा से बिक्रम सिंह पत्नी गनीवे ग्रेवाल और अमृतसर ईस्ट से बिक्रमजीत सिंह मजीठिया खुद चुनाव लड़ सकते हैं। बताया जा रहा है कि एक-दो दिन में खुद बिक्रम मजीठिया तस्वीर साफ कर सकते हैं।
सभी संभावनाएं तलाशने के बाद निर्णय
अकालद दल भी यह चाहता है कि बिक्रम मजीठिया सिर्फ सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ें। यदि ऐसा होता है तो इसका सियासी लाभ पार्टी और मजीठिया दोनों को मिलेगा। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मजीठिया को एक सीट पर रखने से पंजाब के मतदाता में भी जोरदार संदेश जाएगा कि अकाली दल मजबूत है। इसलिए भी संभावना तलाशी जा रही है कि इस स्थिति में क्या-क्या हो सकता है। हालांकि इस मामले को लेकर अकाली दल किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं है। क्योंकि बिक्रम मजीठिया को लेकर पार्टी किसी भी तरह का रिस्क नहीं उठाना चाहती है। इसलिए सभी संभावना तलाशने के बाद ही इस दिशा में अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।
सिद्धू पर हमले से अकाली दल को फायदा
अमृतसर के स्थानीय पत्रकार रोहित शर्मा ने बताया कि मजीठा अकाली दल की पारंपरिक सीट है। यहां से वह जिसे भी टिकट देंगे, वो आसानी से जीत सकता है। अकाली दल को पता है कि सिद्धू जिस तरह से बिक्रम मजीठिया पर हमलावर हुए हैं, इसका लाभ पार्टी को मिल रहा है। इसका लाभ प्रदेशभर में मिल रहा है। इसलिए यदि बिक्रम एक सीट पर रहते हैं तो सिद्धू पर जोरदार हमला होगा। अब जिस तरह से सिद्धू के खिलाफ स्थितियां बन रही हैं, इसका भी लाभ अकाली दल उठाना चाह रहा है। इन तमाम परिस्थितियों में अकाली दल के रणनीतिकार भी चाह रहे हैं कि बिक्रम मजीठिया एक ही सीट से चुनाव लड़ें।
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