सार

पिछले दिनों के जो घटनाक्रम है, इसमें भले ही सिद्धू कांग्रेस की राजनीति में हाशिए पर जाते हुए दिखाई दे रहे हो, लेकिन चुनाव के वक्त ऐसा करना कांग्रेस को भारी पड़ सकता है। यह कांग्रेस के रणनीतिकार भी जानते हैं।
 

चंडीगढ़। उत्तराखंड (Uttarakhand Assembly Election 2022) के स्टार प्रचारकों में कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का नाम लिस्ट में नहीं रखा। लेकिन पंजाब के स्टार प्रचारकों में कांग्रेस (Congress) ने उन्हें चन्नी (Charanjit Channi) से उपर रखा है। जो लिस्ट कांग्रेस की ओर से जारी की गई, इसमें चन्नी को नवजोत सिंह से पहले जगह दी गई है। पिछले कई दिनों से नवजोत सिंह सिद्धू के सियासी सितारे गर्दिश में चल रहे थे, लेकिन स्टार प्रचारकों की लिस्ट के बाद माना जा रहा कि वह एक बार फिर से वापसी कर रहे हैं।

सिद्धू को साइडलाइन में नहीं रख सकती कांग्रेस

राजनीतिक समीक्षक और पंजाब की राजनीति पर नजर रखने वाले विरेंद्र सिंह भारत ने बताया कि कांग्रेस सिद्धू को पंजाब में साइड लाइन करने का जोखिम नहीं उठा सकती है। इस वक्त पंजाब में कांग्रेस के पास एक ही ऐसा वक्ता है जो अकाली व आम आदमी पार्टी पर सीधे हमला कर सकता है। जिसके पास भीड़ है। जो मतदाता को बांध कर रख सकता है।

पिछले दिनों के जो घटनाक्रम है, इसमें भले ही सिद्धू कांग्रेस की राजनीति में हाशिए पर जाते हुए दिखाई दे रहे हो, लेकिन चुनाव के वक्त ऐसा करना कांग्रेस को भारी पड़ सकता है। यह कांग्रेस के रणनीतिकार भी जानते हैं।

सिद्धू अपने करियर के मुश्किल दौर में...

पंजाब के सीनियर पत्रकार दीपक राही का मानना है कि सिद्धू का असर कांग्रेस में हैं। यदि उन्हें साइड लाइन किया जाता है तो इससे सिद्धू का नुकसान तो होगा, इससे ज्यादा पार्टी का नुकसान हो सकता है। इस वक्त सिद्धू अपने राजनीतिक करियर के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। उन्हें पहली बार इतनी बड़ी चुनौती अपनी सीट से मिल रही है। सिद्धू की सीट की चर्चा न सिर्फ पंजाब बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।

अब सिद्धू को  यदि कांग्रेस साइड लाइन करती है तो अमृतसर ईस्ट में उसके लिए काफी मुश्किल खड़ी हो सकती है। जैसे ही सिद्धू कमजोर होंगे, इसका असर पंजाब पर पड़ेगा। जाहिर है, इसका नुकसान कांग्रेस को हो सकता है। कांग्रेस के रणनीतिकार इस तथ्य को अच्छी तरह से जानते हैं। इसलिए सिद्धू को साइड लाइन करने की बजाय उसे चुनाव तक मजबूत बनाए रखना जरूरी है।

दीपक राही का यह भी मानना है कि पंजाब चन्नी भले ही अच्छे सीएम है, उन्होंने इस पद पर खुद को साबित भी किया है। दिक्कत यह है कि वह ऐसे नेता नहीं है कि  पूरी पार्टी को साध कर चल सके। यह क्षमता सिद्धू में हैं।

यूं भी कांग्रेस में सिद्धू ने जिस तरह से अपनी पकड़ बना ली है,इसका असर यह हुआ कि पार्टी के बाकी नेता गौण से हो गए हैं। अब यदि सिद्धू को नाराज कर दिया तो फिर पार्टी कैसे मतदात को अपने साथ जोड़ कर रख पाएगी। इस वक्त पंजाब में कांग्रेस दो नेताओं पर टिकी है। एक सीएम चरणजीत सिंह चन्नी दूसरा नवजोत सिंह सिद्धू। एक का कमजोर होना पूरी पार्टी का बैलेंस बिगाड़ सकता है। इसलिए भी सिद्धू कांग्रेस के लिए अहम हो सकते हैं।

जानकारों का कहना है कि सिद्धू जब बोते हैं तो , भीड़ सुनती है, वह जब बोलते हैं तो खुल कर बोलते हैं। किसी तरह की कोई लिहाज नहीं रखते। कांग्रेस ने जब उन्हें साइड लाइन लगाने की कोशिश की तो भी उन्होंने बोलना शुरू कर दिया था।

सिद्धू के बोल भी कांग्रेस पर भारी पड़ते हैं। इसलिए भी उन्हें  तवज्जो दी जा रही है। सबसे बड़ी बात यह भी है कि सिद्धू यदि पार्टी के लिए प्रचार करते हैं तो पूरे पंजाब में इसका असर आ सकता है। यह भी एक सोच है कि उन्हे अभी साइड लाइन नहीं किया जा सकता। इसलिए सिद्धू को प्रचारकों की लिस्ट में चन्नी से उपर रखा जाना कांग्रेस के लिए जरूरी भी है और मजबूरी भी।