सार
राजेवाल ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी और अन्य पार्टियों ने हमारी पार्टी को पहले पंजीकरण नहीं करने दिया। उन्होंने हमारे खिलाफ कुछ आपत्तियां उठाई जो सही नहीं थीं। हमने समय रहते इन आपत्तियों को दूर कर दिया है। इसके बाद भी हमें पार्टी के तौर पर मान्यता देने में काफी समय लगा दिया गया।
चंडीगढ़ : पंजाब चुनाव (Punjab Chunav 2022) में भले ही पार्टी के तौर पर संयुक्त समाज मोर्चा (Sanyukat Samaj Morcha) को मान्यता मिल गई हो लेकिन मोर्चे ने निर्णय लिया है कि उनके सभी प्रत्याशी आजाद उम्मीदवार यानी कि निर्दलीय के तौर पर चुनाव लडे़ंगे। इसकी वजह यह है कि पार्टी उम्मीदवार नामांकन के वक्त चुनाव चिन्ह नहीं दे पाए थे। क्योंक मोर्चा को मान्यता नामांकन के आखिरी दिन मिला था। तब तक देर हो चुकी थी। इसलिए मोर्चा के सामने अब यही चारा बचता है कि उसके उम्मीदवार आजाद उम्मीदवार के तौर चुनाव लड़े।
पार्टी के सिंबल पर नहीं लड़ेंगे चुनाव
मोर्चा के सीनियर नेता बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि राजनीतिक पार्टी के तौर पर संयुक्त समाज मोर्चा का रजिस्ट्रेशन हो गया है, लेकिन इस बार पार्टी के नाम पर चुनाव नहीं लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ने का समय बीत चुका है। इसलिए स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि हमने चुनाव के लिए तीन निशान मांगे हैं। चारपाई, घड़े और कैंची। अब देखते हैं इसमें से कौन-कौन से चिन्ह उम्मीदवारों को मिलते हैं। इन चुनाव चिन्हों के लिए उनके सभी उम्मीदवारों ने आवेदन किया है, लेकिन अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग चुनाव चिन्ह किसे देता है।
बाकी दलों अटकाया रोड़ा - राजेवाल
राजेवाल ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (AAP) और अन्य पार्टियों ने हमारी पार्टी को पहले पंजीकरण नहीं करने दिया। उन्होंने हमारे खिलाफ कुछ आपत्तियां उठाई जो सही नहीं थीं। हमने समय रहते इन आपत्तियों को दूर कर दिया है। इसके बाद भी हमें पार्टी के तौर पर मान्यता देने में काफी समय लगा दिया गया। यह अच्छी बात है कि देर से ही सही अब चुनाव आयोग ने हमें एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता दी है।
मैं रिटायर होना चाहता था लेकिन मजबूर किया
बलबीर राजेवाल ने कहा कि मैं 80 साल की उम्र में रिटायर होना चाहता था, लेकिन लोगों ने मुझे चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया, इसलिए मैं चुनाव लड़ रहा हूं। हम पंजाब में बदलाव के लिए राजनीति में आए हैं। क्योंकि पंजाब की जितनी भी पार्टियां है, वह सिर्फ सत्ता के लिए राजनीति कर ही है। हमारा एजेंडा है कि पंजाब में बदलाव लाया जाए, इसी सोच के चलते मोर्चा ने चुनाव में जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के मतदाता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। लोग भी बदलाव चाह रहे हैं। हमारे उम्मीदवार इस बार के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
इसे भी पढ़ें-पंजाब चुनाव : संयुक्त समाज मोर्चा को झटका, मालेरकोटला प्रत्याशी ने प्रचार तो किया लेकिन नामांकन ही नहीं भरा
इसे भी पढ़ें-चुनाव से पहले चन्नी सरकार को लगा तगड़ा झटका: इस मामले में हाईकोर्ट ने लगाई जमकर फटकार, जवाब के लिए मांगा वक्त