सार
एग्जिट पोल पंजाब में (Punjab Exit Poll 2022) आम आदमी पार्टी (AAP) को सबसे बड़ी होने का अनुमान ही नहीं लगा रहे हैं, बल्कि पूर्ण बहुमत के साथ सरकार भी बनने का अंदाजा लगा रहे हैं।
Punjab Exit Poll 2022 : एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं। इस बार एग्जिट पोल पंजाब में (Punjab Exit Poll 2022) आम आदमी पार्टी (AAP) को सबसे बड़ी होने का अनुमान ही नहीं लगा रहे हैं, बल्कि पूर्ण बहुमत के साथ सरकार भी बनने का अंदाजा लगा रहे हैं। खैर यहां बात बीजेपी (BJP) की करना बेहद जरूरी है। क्योंकि इस बार पंजाब में बीजेपी अकाली दल के साथ ना लड़ते हुए अकेले ही मैदान में मोर्चा ले रही है। बीजेपी को विश्वास है कि वो इस बार पंजाब की पहेली का हल जरूर निकाल लेेगी। अब सवाल यह है कि एग्जिट पोल को देखकर ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने पंजाब की पहली का हल ढूढ़ लिया है। आंकडें जो कहानी बयां कर रहे हैं,उनमें तो ऐसा बिलकुल भी दिखाई नहीं दे रहा है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पंजाब में बीजेपी की किस तरह की स्थिति देखने को मिल रही है।
एग्जिट पोल में भाजपा की बुरी स्थिति
- एक्सिस के पोल में बीजेपी को 0-4 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
- टीवी 9 के सर्वे में बीजेपी को 1-6 सीटें मिलने का अनुमान है।
- न्यूज 18 के अनुमान के मुताबित बीजेपी को पंजाब में 3 सीटें मिलने का अनुमान है।
- रिपब्लिक पीमार्क के अनुमान के अनुसार बीजेपी शायद ही कोई सीट जीत पाए।
- टाइम्स नाऊ के एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 5 सीटें मिलने का अनुमान है।
- चाणक्य के एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को एक सीट मिल सकती है।
- न्यूज एक्स नेता के एग्जिट पोल में बीजेपी को 1-6 सीटें मिलने का अनुमान है।
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अभी रही थी छोटे भाई की भूमिका में
बीजेपी पंजाब में अकाली दल के साथ छोटे भाई की भूमिका रह कर चुनाव लड़ती रही है। इस बार बीजेपी ने अपने दम पर चुनाव लडऩे का फैसला लिया। पंजाब में पीएम मोदी ने रैलियां तक की। कई बड़े नेताओं को बीजेपी की जीत के लिए लगाया, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे कुछ और ही बयां कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो बीजेपी के पास काफी कद्दावर नेता हैं, उसके बाद भी कोई भी पंजाब की पहेली का हल ढूढ़ नहीं पा रहा है। अगर एग्जिट पोल के आंकड़ें 10 मार्च को नतीजों में भी परिवर्तित होते हैं तो बीजेपी को फिर से अपनी चुनावी बिसात पर मंथन करना होगा।
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2017 में कितनी मिली थी सीटें
खास बात तो ये है कि 2017 में अकाली दल के साथ चुनाव लड़कर बीजेपी ने 3 सीटें जीतीं थी। जबकि उन्हेें गठबंधन में चुनाव लडऩे के लिए सिर्फ 23 सीटें ही मिली थीं। जबकि अकाली दल को 15 सीटों पर जीत हासिल हो सकी थी। 2022 में बीजेपी ने ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा है। ऐसे में अगर बीजेपी को 3 से पांच सीटें ही मिलती हैं तो बीजेपी को 2017 के मुकाबले ज्यादा नुकसान होगा।
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2012 में बेहतरीन प्रदर्शन
साल 2012 के चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा था। बीजेपी को 23 सीटें मिली थी और 50 फीसदी यानी 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि 2019 के आम चुनावों में अकाली के साथ लड़ी थी कुल 13 में से 3 सीटों में जीत हासिल की थी और वोट फीसदी करीब-करीब 10 फीसदी था।