सार
पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम ने गुरुवार को रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा प्रमुख राम रहीम समेत 10 लोगों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया है। यह चालान एफआईआर नंबर 63 का पेश किया। इसमें डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम समेत 10 लोगों के नाम हैं।
फरीदकोट। पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम ने गुरुवार को रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा प्रमुख राम रहीम समेत 10 लोगों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया है। यह चालान एफआईआर नंबर 63 का पेश किया। इसमें डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम समेत 10 लोगों के नाम हैं। एसआईटी ने इस मामले में जुलाई 2020 में सात डेरा अनुयायियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के अलावा डेरा समिति के तीन सदस्यों और डेरा प्रमुख राम रहीम को नामजद कर सभी 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
जांच को लेकर सीबीआई से विवाद के चलते पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने पुलिस को सीबीआई से दस्तावेज लेकर पूरक चालान दाखिल करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद पुलिस एसआईटी ने डेरा प्रमुख राम रहीम से रोहतक की सुनारिया जेल में दो बार पूछताछ की। मामले की अगली सुनवाई सात फरवरी को तय की गई है। साल 2015 में पंजाब के बरगारी से करीब 5 किलोमीटर दूर बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव स्थित गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पवित्र स्वरूप चोरी हो गए थे। 25 सितंबर 2015 को बरगारी में गुरुद्वारा साहिब के पास दो हस्तलिखित पोस्टर मिले। यह पंजाबी भाषा में लिखा गया था। आरोप है कि पोस्टर में अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था।
हाइकोर्ट ने राम रहीम से जेल में पूछताछ की अनुमति दी थी
मामले की जांच कर रही पंजाब पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। एसआईटी की याचिका पर फरीदकोट की एक अदालत ने 25 अक्टूबर को राम रहीम का पेशी वारंट जारी किया था। इस वारंट के खिलाफ राम रहीम ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाइकोर्ट ने एसआईटी को राम रहीम से सुनारिया जेल के अंदर पूछताछ करने की इजाजत दी थी। टीम ने 9 नवंबर को राम रहीम से जेल में पूछताछ की थी लेकिन जांच टीम पूछताछ से संतुष्ट नहीं थी। इसके बाद राम रहीम से दोबारा पूछताछ की गई।
चुनाव में इस चालान के खासे मायने...
पंजाब में विधानसभा चुनाव के बीच डेरा प्रमुख के खिलाफ चालान पेश करने के सियासी मायने भी हैं। क्योंकि कांग्रेस खासतौर पर नवजोत सिंह सिद्धू इस मामले को लेकर खासे मुखर रहे हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि इस मामले का सियासी लाभ लिया जाए। क्योंकि पंजाब का ज्यादातर सिख समुदाय डेरा के खिलाफ रहा है। दूसरी ओर इससे डेरा अनुयायियों के वोट कांग्रेस से छिटक सकते हैं। इसके बाद भी कांग्रेस यह रिस्क उठा रही है।
बता दें कि 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार को बाहर कर दिया।
पंजाब चुनाव में ऐसा है पूरा कार्यक्रम
कुल विधानसभा सीटें- 117
नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख- 25 जनवरी
नामांकन की आखिरी तारीख- 1 फरवरी
नामांकन पत्रों की जांच- 2 फरवरी
नाम वापसी की अंतिम तारीख- 4 फरवरी
मतदान- 20 फरवरी
रिजल्ट- 10 मार्च
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