सार
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि खाद की समस्या को लेकर प्रदेश के संम्पूर्ण जिलों, तहसीलों, ब्लाकों, में कांग्रेस पार्टी द्वारा खाद दो वरना यूपी छोड़ों नारे के साथ प्रदर्शन किया गया। उन्होंने दावा किया, प्रदेश भर में खाद की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं, लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) को लेकर सभी दल जनता के बीच में ज्यादा से ज्यादा पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस (Congress) ने किसनों को खाद न मिलने का मुद्दा उठाया है। किसानों की खाद की समस्या को लेकर पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने ‘खाद दो वरना यूपी छोड़ों’ नारे के साथ सोमवार को प्रदर्शन किया। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने का जुमला बोलकर भाजपा सत्ता में आयी थी। लेकिन आज पूरे प्रदेश के किसान खाद की क़िल्लत से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार विज्ञापनों में चेहरा चमका रही है, लेकिन किसानों के खेत खाद जैसी बुनियादी चीज़ को तरस रही है।
योगी सरकार में अन्नदाता के साथ हुआ सबसे ज्यादा छल
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि खाद की समस्या को लेकर प्रदेश के संम्पूर्ण जिलों, तहसीलों, ब्लाकों, में कांग्रेस पार्टी द्वारा खाद दो वरना यूपी छोड़ों नारे के साथ प्रदर्शन किया गया। उन्होंने दावा किया, प्रदेश भर में खाद की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं, लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल रही है। कई गुना ज़्यादा दाम पर ब्लैक में किसान खाद खरीदने को मजबूर हैं। डीज़ल की बढ़ी कीमत ने वैसे ही किसानों की लागत बढ़ा दी है, अब योगी सरकार के कुशासन की वजह से खाद भी किसानों को रुला रही है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार में सबसे ज्यादा छल अन्नदाता के साथ ही हुआ। इसकी शुरूआत तथाकथित कर्जमाफी योजना से शुरू हुई, जिसमें तमाम किन्तु, परन्तु के बाद किसी का एक रूपया, तीस पैसा, पैंसठ पैसा, तीन रूपया का कर्ज माफ हुआ जो किसी मज़ाक से कम नहीं है। हजारों लाखों के बकायेदार किसान मानसिक तनाव झेल रहे थे, आत्महत्या करने को मजबूर थे,उनकी ओर ध्यान ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, आय दोगुना करने की घोषणा करने वाली भाजपा सरकार इस बात का जवाब दे कि 2017 से अबतक किसानों की लागत लगभग चार गुना से अधिक कैसे हो गयी और इसका जिम्मेदार कौन है? खेती में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाले डीजल के दाम दोगुने से ज्यादा हो गए हैं। खाद की कीमत भी दोगुनी हो गयी, नतीजा ये है कि आय तो दोगुनी नहीं हुई, लागत ज़रूर दोगुनी हो गयी।