सार

राजस्थान से आए बेरोजगार युवा चार दिन से कांग्रेस मुख्यालय के बाहर अनशन पर डटे हैं। जिससे अब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी है। मामला बढ़ते देख अब प्रमोद कृष्णम का राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट कर कहा कि अशोक गहलोत राजस्थान के युवाओं से वार्ता करें। अपनी मुसीबत प्रियंका के गले में डालना उचित नहीं है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में विधानसभा चुनाव (vidhansabha chunav 2022) होने वाले हैं जिसके लिए सभी दल अपनी जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। वहीं राजस्थान की कांग्रेस सरकार (congress government) ने अपनी पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। यूपी की राजधानी लखनऊ में राजस्थान से आए बेरोजगार युवा (unemployed youth) बीते चार दिन से कांग्रेस मुख्यालय (Congress Headquarters) के बाहर अनशन पर डटे हैं और अब उनकी तबीयत खराब होने लगी है। बुधवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय के बाहर राजस्थानी युवाओं ने पूर्व पीएम की प्रतिमा के सामने दंडवत प्रणाम कर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान एक महिला पंकज कुमारी की तबीयत खराब हो गई जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।। राजस्थान के युवाओं को एक उम्मीद है कि कांग्रेस के पदाधिकारी, प्रियंका गांधी वाड्रा या राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कराएगा, ताकि उनकी मांगें मान ली जाएं। 

भाजपाई साबित कर दें तो सभी प्रदर्शनकारी तुरंत चले जाएंगे- उपेन यादव
मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ (Rajasthan Unemployed Unified Federation) के अध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि वे मांगें पूरी हुए बिना यहां से नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर विचार संबंधी राजस्थान सरकार का सहमति पत्र भी है। उपेन ने बताया कि कोई मालूम कर सकता है कि उनके सहित सभी प्रदर्शनकारी भाजपा (BJP) के दलाल हैं या पुराने कांग्रेस समर्थक। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी कांग्रेस नेता उन्हें भाजपाई साबित कर दे तो सभी प्रदर्शनकारी तुरंत चले जाएंगे।

प्रमोद कृष्णम का ट्वीट लिखी ये बात
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्णम (pramod krishnam) ने अपने में कहा है कि अशोक गहलोत ( ashok gehlot) राजस्थान के युवाओं से बात करें। उन्होंने कहा कि 'यूपी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरना दे रहे राजस्थान के बेरोजगार प्रदर्शनकारियों से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तत्काल वार्ता कर समस्या का समाधान निकालना चाहिए। अपनी मुसीबत को प्रियंका गांधी वाड्रा के गले में डाल देना उचित नहीं है।'