सार
लालकुआं विधानसभा सीट हलद्वानी शहर से लगी हुई है। उत्तराखंड का सबसे बड़ा गांव बिंदुखत्ता भी इसी विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। लालकुआं विधानसभा की ज्यादातर आबादी कृषि पर निर्भर है। इस कारण से यहां सिंचाई बड़ी समस्या है।
Lalkuan Election Results 2022 LIVE: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) को लालकुआं (Lalkuan) विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें भाजपा के डॉ. मोहन सिंह बिष्ट (Dr. Mohan Singh Bisht) ने 17,527 वोटों से हरा दिया। मोहन सिंह को जहां 46,307 वोट मिले, तो वहीं हरीश रावत 28,780 वोट ही हासिल कर पाए। मोहन सिंह ने जहां 53.23 प्रतिशत वोट अपनी झोली में डाले, तो वहीं हरीश रावत को 33.08 प्रतिशत वोट ही मिले। निर्दलीय उम्मीदवारों में संध्या डालाकोटी (3,897) सबसे अधिक वोट बटोरने में कामयाब रहीं।
क्या खास बात है इस सीट में
घने जंगलों के बीच बसे इस क्षेत्र में चुनाव के दौरान ठंड में भी सियासी तापमान हाई रहा। ऐसा होना लाजिमी भी था क्योंकि इस सीट से मैदान में कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता हरीश रावत जो थे। जिन्हें लोग हरदा नाम से भी जानते हैं। प्रदेश में जिनकी अपनी अलग ही पहचान है। उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी डॉ. मोहन सिंह बिष्ट (Mohan Singh Bisht ) से हुआ। डॉ. मोहन पढ़े-लिखे हैं, व्यापार के साथ-साथ राजनीति की भी अच्छी समझ रखते हैं। जिला पंचायत सदस्य के रूप में अच्छी जीत का आधार उनके पास है। बरेली रोड और बिंदुखत्ता क्षेत्र में उनका अपना ही प्रभाव है। यही कारण है कि इस सीट पर सभी की निगाह टिकी हुई है।
एक नजर में लालकुआं सीट
लालकुआं विधानसभा सीट उत्तराखंड के नैनीताल जिले की एक सीट है। यह क्षेत्र हलद्वानी शहर से लगा हुआ है। उत्तराखंड का सबसे बड़ा गांव बिंदुखत्ता भी इसी विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। लालकुआं विधानसभा की ज्यादातर आबादी कृषि पर निर्भर है। इस कारण से यहां सिंचाई बड़ी समस्या है। लालकुआं विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं। क्षेत्र में ब्राह्मण और राजपूत मतदाता की आबादी ज्यादा है। अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के मतदाता भी चुनाव परिणाम में अहम भूमिका निभाते हैं।
पिछले चुनावों के परिणाम
लालकुआं विधानसभा सीट के साल 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। इस विधानसभा सीट के लिए पहली बार 2012 में विधानसभा चुनाव हुए। तब निर्दलीय उम्मीदवार हरीश चंद्र दुर्गापाल जीते थे। उन्होंने अपने भाजपा के नवीन चंद्र दुमका को 25,189 वोटों से हराया था। 2017 में लालकुआं में कुल 54.81 प्रतिशत वोट पड़े। भारतीय जनता पार्टी से नवीन चंद्र दुमका ने कांग्रेस के हरीश चंद्र दुर्गपाल को 27,108 वोटों के मार्जिन से हराया और 2012 के हार का बदला लिया।
इस चुनाव में मुद्दे जो रहे हावी
इस बार के चुनाव (Uttarakhand Chunav 2022) में वैसे तो कई मुद्दे हावी रहे लेकिन पिछले कई सालों से यहां कई मुद्दे हैं जिनका हल नहीं निकल सका है। अनधिकृत बस्तियों के तौर पर पिछले कुछ दशकों में उभरे खत्ते, सेंचुरी पेपर मिल को लेकर स्थानीय लोगों की शिकायत, ट्रांसपोर्ट नगर की मांग पूरी ना पूरी होना, पहाड़ों से मैदानी और तराई में होने वाला पलायन और बेरोजगारी बड़े मुद्दे हैं। इस सीट पर बिंदु खत्ता, हंसपुर खत्ता, रेला खत्ता, जौला तेढ़ाघाट खत्ता और तपस्या नाला खत्ता जैसे तमाम खत्ता हैं, जिनमें बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। चुनाव प्रचार में सभी दलों ने कहा था कि सभी खत्ता की समस्याओं का हल निकाला जाएगा।
लालकुआं में मतदाताओं की संख्या
कुल - 1,20,392
पुरुष 62, 860
महिला 57, 532
इस चुनाव में मैदान 13 प्रत्याशी
हरीश रावत - कांग्रेस
डॉ. मोहन बिष्ट - भाजपा
चंद्रशेखर पांडे - आम आदमी पार्टी
पृथ्वी पाल रावत - बसपा
मनोज पांडे - सपा
बहादुर सिंह जंगी - भाकपा माले
राम सिंह - रिपब्लिकन पार्टी
वीरेंद्रपुरी महाराज - उत्तराखण्ड देव भूमि पार्टी
यशपाल आर्या - निर्दलीय
संध्या डालाकोटी - निर्दलीय
पवन चौहान - निर्दलीय
नवीन पंत नाभादास - निर्दलीय
कुंदन मेहता - निर्दलीय
किसकी संख्या कितनी
ब्राह्मण - 33 प्रतिशत
राजपूत - 9 प्रतिशत
अनुसूचित जाति - 9 प्रतिशत
ओबीसी - 6 प्रतिशत