सार
मुजफ्फरनगर में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने अभियुक्तों को 20-20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपियों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला 2015 से सामने आया था।
मुजफ्फरनगर: छपार थाना क्षेत्र के गांव में सात साल पहले किशोरी को तमंचे से डराकर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो अभियुक्तों को 20-20 साल की सजा सुनाई गई। मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट संख्या 1 आरती फौजदार ने फैसला सुनाया है। सहायक शासकीय अधिवक्ता कुलदीप पुंडीर, विक्रांत राठी और प्रदीप बालियान ने जानकारी दी कि यह घटना उस दौरान सामने आई जब 30 जुलाई 2015 की रात किशोरी के पिता, भाई और चाचा खेत में पानी भरने के लिए गए थे। उस दौरान किशोरी अपनी मां के साथ घर पर अकेली थी।
किशोरों को कमरे में ले जाकर दुष्कर्म
किशोरी जिस बीच घर पर अकेली थी तो गांव के ही जमशेद, अय्याज घर में दाखिल हुए और मां-बेटी के साथ में मारपीट की। किशोरी को कमरे में ले जाकर दोनों ने दुष्कर्म किया। धमकी देते हुए वह वहां से फरार हो गए। पीड़ित परिवार की ओर से दिन निकलने के बाद दोनों अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। वहीं पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दाखिल किया। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट संख्या-1 आरती फौजदार ने मामले की सुनवाई की। गुरुवार को दोनों ही अभियुक्तों को धारा 376 डी के तहत सजा सुनाई गई। उन्हें 20-20 साल की सजा और 25-25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।
पांच साल कठोर कारावास की सुनाई गई सजा
मामले में कहा गया कि अर्थदंड नहीं देने पर दोनों ही अभियुक्तों को दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। मामले में धारा 452 के तहत पांच साल का कठोर कारावास की सजा भी सुनाई गई है। मामले का फैसला आने के बाद पीड़ित परिजन ने राहत की सांस ली है। कोर्ट ने फैसला देते हुए यह भी कहा है कि अभियुक्तों पर लगाए गए अर्थदंड की धनराशि को पीड़िता को क्षतिपूर्ति के तौर पर दिया जाएगा।
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