सार

अमिताभ बच्चन ने KBC में रतन टाटा से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया। लंदन में एक बार रतन टाटा ने उनसे फ़ोन करने के लिए पैसे उधार मांगे थे। रतन टाटा की सादगी और दरियादिली की कई और कहानियां भी सामने आ रही हैं।

मुंबई. उद्योगपति रतन टाटा का निधन न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. उन्होंने न सिर्फ़ एक विशाल व्यावसायिक साम्राज्य का निर्माण किया, बल्कि उसे सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मार्ग प्रशस्त किया. अब कई लोग रतन टाटा से जुड़ी अपनी यादें साझा कर रहे हैं. बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी रतन टाटा से जुड़ी एक यादगार घटना का ज़िक्र किया है. ख़ास बात यह है कि रतन टाटा की सादगी से जुड़ा यह किस्सा बेहद दिलचस्प है. अमिताभ बच्चन ने बताया कि एक बार रतन टाटा उनके पास आए और फ़ोन करने के लिए पैसे उधार मांगे.

कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ बच्चन ने यह किस्सा सुनाया. इस शो के 16वें सीज़न में बॉलीवुड अभिनेता बोमन ईरानी और फ़िल्म निर्माता फ़राह खान मेहमान बनकर आए थे. इस दौरान अमिताभ बच्चन ने रतन टाटा को याद किया. उन्होंने रतन टाटा को मानवीय गुणों और सादगी का प्रतीक बताया. इसी दौरान उन्होंने लंदन में हुई एक घटना का ज़िक्र किया.

मैं और रतन टाटा एक ही विमान में सफ़र कर रहे थे. हम दोनों लंदन जा रहे थे. रतन टाटा किसी ख़ास कार्यक्रम, व्यावसायिक मीटिंग के सिलसिले में लंदन गए थे. जब हम दोनों विमान से उतरकर एयरपोर्ट से बाहर आए, तो रतन टाटा को लेने वाला कोई नहीं था. एक-दो मिनट इंतज़ार करने के बाद रतन टाटा पास के ही एक फ़ोन बूथ में चले गए. मैं बाहर ही खड़ा रहा. कुछ देर बाद रतन टाटा वापस मेरे पास आए. उन्होंने जो कहा, उस पर मुझे यकीन नहीं हुआ. मेरे पास आकर रतन टाटा ने कहा, "अमिताभ, क्या आप मुझे कुछ पैसे उधार दे सकते हैं? मेरे पास फ़ोन करने के लिए पैसे नहीं हैं." यह किस्सा अमिताभ बच्चन ने सुनाया.

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रतन टाटा जितने अमीर थे, उतना ही दान भी करते थे. रतन टाटा 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़कर गए हैं. इस संपत्ति में से रतन टाटा ने कई लोगों को हिस्सा दिया है. रतन टाटा ने अपने प्यारे कुत्ते को भी अपनी संपत्ति में हिस्सा दिया है. अपने कर्मचारियों, अपने दोस्त शांतनु नायडू समेत कई लोगों को उन्होंने अपनी 10,000 करोड़ की संपत्ति में हिस्सा दिया है. दान-धर्म के मामले में रतन टाटा हमेशा आगे रहते थे. जब भी देश पर कोई मुसीबत आई, रतन टाटा मदद के लिए आगे आए. कोरोना काल में टाटा ग्रुप और टाटा संस ने मिलकर केंद्र सरकार के कोरोना राहत कोष में 1,500 करोड़ रुपये का दान दिया था.