MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Bihar
  • जिससे घर का रोजगार चलता था उससे भी बाहुबली ने मांगी थी रंगदारी, शर्म से पिता ने कर ली थी खुदकुशी

जिससे घर का रोजगार चलता था उससे भी बाहुबली ने मांगी थी रंगदारी, शर्म से पिता ने कर ली थी खुदकुशी

पटना (Bihar ) । बिहार में सूरजभान सिंह का खौफ एक समय ऐसा था कि उसके क्षेत्र में लोग नाम से भी डरते थे। कभी अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह के शागिर्द रहे इस बाहुबली ने मोकामा से निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा में दस्तक दी और नीतीश कुमार का मददगार बना। फिर, सूरजभान बलिया से निर्दलीय सांसद बनने के बाद रामविलास पासवान के साथ मिल गया और एलजेपी में बड़ी पोस्ट हासिल की। सूरजभान के पिता ने सुसाइड कर लिया था। कहते है कि जिस व्यक्ति की वजह से सूरजभान के परिवार का पेट भरता था, बाहुबली बनने के बाद उससे भी रंगदारी मांगने लगा। पिता को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने गंगा में छलांग लगाकर जान दे दी। सूरजभान के ऊपर कई चर्चित आरोप दर्ज हैं। इनमें बिहार सरकार के मंत्री की हत्या समेत 30 से ज्यादा मामले हैं। एक मामले में आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा भी दी। बाद में निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। बाद में पत्नी के जरिए राजनीति करने लगा।

3 Min read
Asianet News Hindi
Published : Sep 10 2020, 05:12 PM IST| Updated : Sep 28 2020, 06:38 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
110


मोकामा के शंकरबार टोला में सूरजभान का मूल घर है। इनके पिता सरदार गुलजीत सिंह नामक एक व्यवसायी की दुकान पर काम करते थे। कहते हैं कि सूरजभान ने जब आपराध की दुनिया में कदम रखा तो मोकामा में रंगदारी की वसूलने लगे। उस व्यवसायी से भी रंगदारी मांगी जिससे सूरजभान के परिवार का भरण-पोषण होता था।
 

210

पिता के समझाने पर भी सूरजभान नहीं माना। मोकामा के कुछ लोग कहते हैं कि इस घटना से पिता इतने दुखी हुए कि गंगा में छलांग लगाकर जान दे दी। इस घटना के कुछ दिन बाद सीआरपीएफ में कार्यरत सूरजभान का सहोदर भाई ने भी आत्महत्या कर ली थी।
 

310


सूरजभान का नाम अपराध की दुनिया में तब उभरा जब मोकामा में कुख्यात नाटा सरदार से उनकी अदावत चली। इस अदावत में कई मौतें हुईं। मोकामा बाजार पर वर्चस्व और वसूली को लेकर यह टकराव साल 2000 तक जारी रहा।

410


उत्तर बिहार के डॉन माने जाने वाले अशोक सम्राट से भी इस बीच सूरजभान का टकराव हुआ। अशोक सम्राट ने सूरजभान पर मोकामा में जानलेवा हमला किया। हमले में पैर में गोली लगने के बावजूद सूरजभान बच गया। लेकिन, उनका चचेरा भाई अजय और पोखरिया निवासी शूटर मनोज मारा गया था।

510

हाजीपुर में पुलिस मठभेड़ में अशोक सम्राट के मारे जाने के बाद सूरजभान ने अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार शुरू कर दिया। सूर्यभान के चचेरे भाई मोती सिंह की कुख्यात नागा सिंह ने हत्या कर दी। इसके बाद सूरजभान का मोकामा विधायक दिलीप सिंह से अदावत बढ़ी और उस दौर में अपराधियों राजनीतिकरण में सूरजभान जैसे एक और डॉन का नाम जुड़ गया।

610


सूरजभान का राजनीतिक करियर ही नीतीश के संकटमोचक के रूप में शुरू हुआ। वह मोकामा से 2000 का विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बन गया। नीतीश कुमार की आठ दिनों की सरकार में उसके नेतृत्व में दबंग निर्दलीय विधायकों का एक मोर्चा बना, जिसने नीतीश को समर्थन दिया पर सरकार नहीं बच पाई थी।

710


बाहुबली विधायक बनने के बाद सूरजभान, नीतीश का साथ छोड़कर राम विलास पासवान के साथ हो गया। सूरजभान पर कई हत्याओं के आरोप थे। जनवरी 1992 में बेगूसराय के मधुरापुर गांव के रामी सिंह की हत्या हुई थी। इस केस में मुख्य गवाह और यहां तक कि सरकारी वकील रामनरेश शर्मा की भी हत्या हो गई थी। ऐसे में वह अन्य मामलों की तरह इसमें भी बरी हो जाता, लेकिन केस का एक गवाह नहीं टूटा। यह गवाह बेगुसराय के डॉन रह चुके कामदेव सिंह के परिवार से था।

810


बताते हैं कि सूरजभान के लोग उस गवाह को भी धमकाने गए थे। मगर जब कामदेव सिंह के परिवार को यह पता चला कि सूरजभान ने उनके किसी नातेदार को जान से मारने की धमकी दी है तो उसे उसी के अंदाज में संदेश भिजवाया। सूरजभान पीछे हट गया। आखिर में उसे निचली कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिली। इसी मामले में सजायाफ्ता होने के कारण सूरजभान पर चुनाव लड़ने से प्रतिबंध लगा है।
 

910


लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे सूरजभान ने अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए पत्नी वीणा देवी को आगे किया, जो 2014 के चुनाव में बिहार की मुंगेर सीट से लोजपा के टिकट से सांसद चुनी गई थीं। बाद में भाजपा में चली गई।

1010


मुंगेर से सांसद वीणा देवी ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक सभा में कहा था कि उन्होंने अपने पति सूरजभान के सामने दो विकल्प रखा था। पहला या तो वे रामविलास से अलग हो जाएं अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो हम उन्हें तलाक देकर भाजपा में चले जाएंगे।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved