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बिहार चुनाव: EC की घोषणा से पहले ही पीएम मोदी करेंगे 6 वर्चुअल रैलियां, ऐसे साधेंगे सीधा-संवाद
पटना (Bihar) । भाजपा के रणनीतिकारों को लग रहा है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में उसे अच्छी संख्या में सीटें मिल सकती हैं। हो सकता है कि वह पहली बार सबसे बड़ी पार्टी बन जाए। जिसे देखते हुए पार्टी ने पूरी ताकत झोक दी है। इसके लिए जबरस्त तैयारी की है। निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले ही खुद पीएम नरेंद्र मोदी की 6 वर्चुअल रैलियां कराने का कार्यक्रम फिक्स कर गया है, जिसकी शुरूआत भी आज से हो रही है। वह जनता से सीधा संवाद करेंगे। इसके लिए आईटी विशेषज्ञों की मदद ली गई है। इतना ही नहीं पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बीच-बीच में राज्य का दौरा कर रहे हैं। वे आज ही दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं, जबकि पार्टी की जमीनी जमावट महामंत्री और राज्य प्रभारी भूपेंद्र सिंह, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष देख रहे हैं। भूपेंद्र सिंह, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह बीते कुछ दिनों से लगातार बिहार में ही रुककर कार्यकर्ताओं की बैठक कर तैयारियों को देख रहे हैं। आइये जानते हैं कब-कब पीएम मोदी की होगी वर्चुअल रैली और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनने के लिए क्या की है तैयारी।
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चुनाव प्रबंधन से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी प्रधानमंत्री की लोकप्रियता को भुनाना चाहती है। इसलिए सर्वाधिक रैलियां कर बिहार की जनता के साथ उनका सीधा संवाद करवाने की योजना है।
भाजपा के कार्यक्रम के मुताबिक पीएम मोदी की पहली वर्चुअल रैली 10 सितंबर को होगी, जिसमें पीएम मत्स्यपालन, पशुपालन व कृषि विभाग से जुड़ी 294.53 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। जबकि, उनकी अन्य रैलियां 13, 15, 18, 21 और 23 सितंबर को होंगी।
पीएम मोदी इन रैलियों से विभिन्न आय वर्ग, जाति और भौगोलिक क्षेत्रों को कवर करेंगे। इसके अतिरिक्त राज्य में चुनाव की तिथियों की घोषणा के बाद नरेंद्र मोदी के द्वारा करीब दो दर्जन से अधिक रैलियां करवाने की योजना तैयार की जा रही है। 2015 में हुए बिहार चुनाव के समय भी मोदी की 30 रैलियां हुई थीं।
भाजपा ने अपनी सबसे नीचे की इकाई पन्ना प्रमुखों का भी वाट्सएप ग्रुप बना लिया है। राजद की भी तैयारी कुछ इसी तरह की है। उसने भी बूथ स्तर पर वाट्सएप ग्रुप बना लिया है। कांग्रेस ने प्रखंड स्तर पर इस तरह का समूह बना रखा है। जदयू की तैयारी भी लोगों के घर-घर तक पहुंचने की है, लेकिन भाजपा का डिजिटल अभियान सभी दलों अलग और व्यापक है।
भाजपा चुनाव से संबंधित तमाम समितियों का गठन कर चुकी है। राष्ट्रीय नेताओं के कार्यक्रम तय हो चुके हैं। पार्टी ने विस्तारकों के सहारे और पन्ना प्रमुखों जरिए घर-घर दस्तक देने का अभियान चला रखा है।
भाजपा के अनुषांगिक संगठन महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, एससीएसटी मोर्चा जैसे संगठनों के साथ आइटी सेल तक का दावा है कि बूथों के वाट्सएप ग्रुप में डेढ़ से दो सौ लोग जुड़े हुए हैं।
भाजपा फेसबुक लाइव, ट्वीटर, वाट्सएप ग्रुप, डिजिटल बुलेटिन में छोटे छोटे वीडियो के माध्यम से एनडीए सरकार की उपलब्धियों पहुंचाने के सफल प्रयोग को नए सिरे विधानसभा प्रचार के लिए आजमा रही है।
भाजपा के डिजिटल अभियान को धार देने के लिए पेशेवर आइटी विशेषज्ञ की नई टीम तैनात की गई है। बिहार के अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान, झारखंड में अलग-अलग टीम काम कर रही।
गोपनीय स्थान से आइटी सेल अपना काम कर रहा है। इसमें कुछ तो आइडिया तैयार करते हैं। डाटा एनालिसिस व कलेक्शन, वीडियो डिजाइनिंग, ग्राफिक्स व कंटेट राइटिंग के लिए अलग-अलग टीम बनी है।