बिहार में देवर के सामने भाभी, देवरानी के खिलाफ जेठानी लड़ेंगी चुनाव
पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में कुछ सीटों पर लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है। जी हां इन सीटों पर कहीं देवरानी-जेठानी और देवर-भाभी के बीच सीधी टक्कर हो रही है। ये प्रत्याशी जेडीयू (JDU) और आरजेडी (RJD) के हैं। हैरानी वाली बात तो यह कि टिकट न मिलने पर इनमें एक ने तो निर्दलीय ही चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। बता दें कि इनमें कुछ ने नामांकन भी कर दिया है। आइये जानते हैं जानते हैं, किस-किस सीट पर हो रही ऐसी चुनावी लड़ाई।
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बताते चले की बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर तीन चरण में चुनाव होना है। पहले चरण की 71 सीटों पर नामांकन का दौर चल रहा है, जिसके लिए 28 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण के लिए वोटिंग तीन और तीसरे चरण के मतदान सात नवंबर को होगा, जिसका परिणाम 10 नवंबर को घोषित किया जाएगा। ऐसे में सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी तैयारी किए हुए हैं।
शाहपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के दिवंगत नेता रहे विशेश्वर ओझा का परिवार इस बार चुनावी मैदान में आमने-सामने है, क्योंकि बीजेपी ने इस सीट से विशेश्वर ओझा के छोटे भाई भुअर ओझा की पत्नी मुन्नी देवी को चुनाव मैदान में उतारा है।
खुद को टिकट न मिलने से नाराज होकर विशेश्वर ओझा की पत्नी शोभा देवी ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि शोभा देवी जहां पहले इस सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं वहीं मुन्नी देवी इसी सीट से विधानसभा चुनाव जीत भी चुकी हैं।
संदेश विधानसभा सीट इस बार महागठबंधन में आरजेडी के पाले में आई है। साल 2015 के चुनाव में इस सीट से राजद के प्रत्याशी अरुण कुमार यादव ने चुनाव जीता था। लेकिन, इस बार उनकी पत्नी किरण देवी चुनाव मैदान में हैं, क्योंकि वो करीब एक साल से रेप से जुड़े एक चर्चित मामले में फरार चल रहे हैं। आज उन्होंने अपना नामांकन भी कर दिया।
जेडीयू ने पहले दो बार इसी सीट से विधायक रह चुके अरुण कुमार यादव के भाई विजेंद्र यादव को टिकट देकर लड़ाई को काफी रोचक बना दिया है। बता दें कि किरण देवी जहां अपने पति द्वारा कराए गए विकास कार्यों के नाम पर वोट मांग रही हैं, वहीं, विजेंद्र अपने और नीतीश कुमार के शासनकाल में कराए गए विकास कार्यों को अपना चुनावी मुद्दा बनाए घूम रहे हैं।