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हमको किसी का डर नहीं, क्या कोरोना-कैसा प्रोटोकॉल? यूं रोडशो कर रहे हैं लालू यादव के लाल
पटना। 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव की घोषणा के साथ बिहार में कोरोना महामारी के बीच विशेष प्रावधान के साथ "कोड ऑफ कंडक्ट" लागू हो चुका है। चुनाव आयोग (EC) ने नेताओं और राजनीतिक दलों को महामारी के दौरान भीड़ जुटाने से रोकने के लिए साफ हिदायतें दी हैं। रोडशो और जुलूस के लिए सेफ़्टी प्रोटोकॉल (Covid-19 Health Safety Protocol For Bihar Elections) भी बनाए हैं। लेकिन एक्स हेल्थ मिनिस्टर और आरजेडी चीफ लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का रोड शो देखकर ऐसा नहीं लगता।
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तेजप्रताप यादव (Tejpratap Yadav) इस बार सारण (Saran) विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ेंगे। 2015 में वो इसी विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने थे। इस बार सारण से पत्नी ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) के जेडीयू (JDU) टिकट पर लड़ने की चर्चाओं के बीच उन्होंने अपनी सीट बदल दी है।
तेजप्रताप यादव इस बार हसनपुर (Hasanpur) विधानसभा से भाग्य आजमाएंगे। हसनपुर आरजेडी (RJD) नेता के लिए सुरक्षित सीट मानी जा रही है। यहां मुस्लिम और यादव मतदाता निर्णायक हैं। तेजप्रताप चुनाव की घोषणा से पहले ही यहां सक्रिय हो चुके हैं। रोडशो कर लोगों से मुलाक़ात भी कर रहे हैं।
तेजप्रताप के जलसों में भीड़ भी जुट रही है। हालांकि कोरोना के मद्देनजर भीड़ और व्यवस्था को देखकर चिंता भी हो रही है। मौजूदा हालात में ये जायज भी है। आरजेडी विधायक के जलसों में सुरक्षा प्रोटोकाल टूटते नजर आ रहा है। वो खुद सार्वजनिक मौकों पर भीड़ के बीच बिना मास्क लगाए देखे जा सकते हैं।
जुलूस में शामिल कार्यकर्ता भी फिजिकल डिस्टेसिंग को फॉलो करते नहीं दिख रहे हैं। कोरोना की वजह से बिहार समेत देश के तमाम राज्यों की हालत खराब है। राज्य में इस वक्त रोजाना 3 हजार से ज्यादा मरीज निकल रहे हैं। संक्रमितों की कुल संख्या 75 हजार के पार है। चुनाव के मद्देनजर इस तरह के रोडशो को देखते हुए महामारी का संकट और बढ़ने की आशंका है।
जिस हिसाब से जुलूस निकाले जा रहे हैं उसमें तेजप्रताप समेत उनके कार्यकर्ताओं की हेल्थ पर भी खतरा मंडरा सकता है। लोग इस बात पर हैरानी जता रहे हैं कि कोरोना के दौर में चुनाव के लिए खास तैयारी करने वाले चुनाव आयोग और दूसरी सरकारी एजेंसियां क्या कर रही हैं?
लोग यह भी कह रहे हैं कि प्रशासन को चाहिए वो नेताओं के ऐसे रोडशो और जलसों पर तत्काल लगाम कसे जिसमें कोरोना को लेकर बनाई गई सेफ़्टी प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है।